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विज्ञान क्या है? What is Science?

विज्ञान क्या है ?what is Science? परिभाषा :   विज्ञान सुसंगत एवं क्रमबद्ध ज्ञान है जिसके अंतर्गत ब्रह्माण्ड (Universe) में स्थित सजीव (Living) एवं निर्जीव (Non-Living) घटकों (Component) में होने वाली घटनाओं व परिघटनाओं का  अध्ययन प्रयोगों (Practicals) एवं अवलोकनों (Observations) के द्वारा करते हैं। गणित में "प्रयोग" नहीं हैं, इस कारण गणित का अध्ययन कला के विषयों के साथ भी करते हैं। परन्तु गणित के बिना विज्ञान बिल्कुल अधूरा है, क्योंकि समस्त गणनाएँ (Counting) गणित की सहायता से की जाती है।   साइंस शब्द की उत्पत्ति (Origin of word Science) : साइंस  (Science) एक लैटिन शब्द Scientia से उत्पन्न है जिसका अर्थ है जानना (To know) । विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Science):  मुख्य रूप से विज्ञान को दो भागों में विभक्त किया गया है- भौतिक विज्ञान (Physical Science ) एवं जीवन विज्ञान (Life Science)। भौतिक विज्ञान में भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), भूगर्भ विज्ञान (Geology), खगोल विज्ञान (Astronomy), अन्तरिक्ष विज्ञान (Space Science), कम्प्यूटर विज्ञान (Compu...

विज्ञान की शाखायें Branches of Science:

विज्ञान की शाखाएँ ; ( Branches of Science ) : 

विज्ञान प्रसार (Expansion of Science) :


19वीं एवं 20वीं शताब्दी को  विज्ञान सम्बंधी शोधों व वैज्ञानिकों के उल्लेखनीय योगदान के लिये जाना जाता है । वर्तमान सदी मे विज्ञान के क्षेत्र में लोगों का रुझान बढ़ाने की बहुत आवश्यकता है।


लोगों में वैज्ञानिक दृष्टि एवं दृष्टिकोण, वैज्ञानिक अभिरुचि बढ़ाना तभी सम्भव है जब उन्हे विज्ञान के बारे में वृहद् जानकारी हो । विज्ञान व उनकी शाखाओं के विषय में जानकारी प्रदान करने का एकमात्र उद्देश्य यही है।


विज्ञान की अनेक शाखाएँ हैं जिसमें प्रमुख शाखाओं  का वर्णन करना अत्यावश्यक है जिसके विषय में जानकारी प्राप्त किये बिना वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना सम्भव नही है।



अध्ययन की सुविधा के लिये विज्ञान को अनेक शाखाओं में विभक्त किया गया है। जो विशिष्ट (Specific) क्षेत्र के लिये अलग अलग होती हैं ।


विज्ञान की प्रमुख शाखाओं का यहाँ उल्लेख किया जा रहा है -






विज्ञान की शाखाएँ ; ( Branches of Science ) :        


1-भौतिकी (Physics) -

विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत द्रव्य तथा ऊर्जा के बारे में और उनकी परस्पर क्रिया व उनके परिणामों के बारे में अध्ययन किया जाता है।    


2-रसायन विज्ञान (Chemistry) -

विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत द्रव्य के संगठन, उसकी संरचना, अन्य द्रव्यों के साथ उसकी क्रिया के बाद होने वाले परिवर्तनों, अणुओं व परमाणुओं आदि का अध्ययन करते हैं। 


3-जीवविज्ञान (Biology):

इसके अन्तर्गत ब्रह्माण्ड में पाये जाने वाले समस्त जीवों का अध्ययन करते हैं। वायरस में पाये जाने वाले कुछ सजीव लक्षणों के कारण उसका भी अध्ययन जीव विज्ञान के अन्तर्गत ही करते है जबकि उनमें निर्जीवों के भी लक्षण पाये जाते हैं ।



जीव विज्ञान की दो शाखायें है-


(i) जन्तु विज्ञान (Zoology)- इसके अन्तर्गत जन्तु जगत के अन्तर्गत आने वाले जीवों की संरचना, वर्गीकरण, विशेषताएं , जीवोत्पत्ति आदि का अध्ययन किया जाता है।

(ii) वनस्पति विज्ञान (Botany)- इसके अन्तर्गत पादप जगत के अन्तर्गत आने वाली वनस्पतियों की संरचना विशेषताओं व वर्गीकरण आदि का अध्ययन किया जाता है।


4-पृथ्वी विज्ञान (Earth Science) -

विज्ञान की इस शाखा में पृथ्वी की संरचना और पृथ्वी पर पाए जाने वाले चट्टानों, सागरों तथा महासागरों, जैवमण्डल के घटकों, वायुमण्डल आदि के बारे में अध्ययन करते हैं। 


5-पारिस्थितिकी विज्ञान (Ecology) -

विज्ञान की इस शाखा में जैव घटकों का, उनके आस-पास के अजैविक घटकों के साथ पारस्परिक सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है।


6-समुद्र विज्ञान (Oceanography) -

यह मुख्यत: पृथ्वी विज्ञान की एक शाखा है जिसमें महासागरीय धाराओं, तरंगों, महासागरों में तापमान के वितरण, लवणता के वितरण, समुद्र में होने वाली हलचलों तथा समुद्री जीवों के बारे में विस्तृत अध्ययन करते हैं। 


7-भूगर्भ विज्ञान (Geology) -


विज्ञान की इस शाखा के अंतर्गत पृथ्वी पर पायी जाने वाली चट्टानों की संरचना, स्थलमण्डल पर उनके वितरण तथा समय व वातावरण के कारण उनमें होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है।


8-मौसम विज्ञान (Meteorology)

विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत वायुमण्डल में होने वाली हलचलों तथा पृथ्वी पर इस कारण होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है।


9-मानव विज्ञान (Anthropology)-

विज्ञान की इस शाखा में मानव व्यवहार तथा समाज के साथ मानव की अंतर्क्रिया का अध्ययन करते हैं।


10-पर्यावरण विज्ञान (Environmental Science)-  

विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत पर्यावरण के सभी घटकों, समय के साथ उनमें होने वाले परिवर्तनों तथा विभिन्न जीव-जंतुओं व वनस्पतियों पर इसके प्रभाव का अध्ययन किया जाता है। 


11-अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science)-  

विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत बाह्य अंतरिक्ष की संरचना, उनमें पायी  जाने वाली आकाशगंगाओं, ग्रहों, उपग्रहों, क्षुद्रग्रहों आदि का अन्वेषण करते हैं।


12-नाभिकीय भौतिकी (Nuclear Physics)-

विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत अणुओं, परमाणुओं तथा परमाणु नाभिक की विशेषताओं व उनके सह - सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है। 


13-कम्प्यूटर विज्ञान (Computer Science)-  

विज्ञान की इस शाखा के अंतर्गत कम्प्यूटर सिस्टम तथा इसके प्रयोग का विधिवत अध्ययन किया जाता है। 


14-आनुवांशिकी (Genetics)- 

विज्ञान की इस शाखा के अंतर्गत जीन्स, उनमें  होने वाले उत्परिवर्तनों तथा आनुवांशिक लक्षणों आदि का अध्ययन किया जाता है। 


15-विषाणु विज्ञान (Virology)-

विज्ञान की इस शाखा में विषाणुओं की संरचना तथा उनके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। 


16-जीवाणु विज्ञान (Bacteriology)-

विज्ञान की इस शाखा में जीवाणुओं की संरचना तथा उनके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है।

 
17-गणित (Mathematics)-

इसमें संख्याओं,मात्राओं तथा आकृतियों का अध्ययन किया जाता है।



18- सांख्यिकी ( Statistics)-

इसमें आँकड़ो का संकलन एवं उनका गणितीय विश्लेषण किया जाता है। आँकड़ो का सारणीयन और वर्गीकरण तथा अनुपातों का तुलनात्मक अध्ययन सांख्यिकी के अन्तर्गत करते हैं ।


19- खगोल भौतिकी (Astrophysics):

यह खगोल विज्ञान की शाखा है जिसमें ब्रह्माण्ड के बाह्य अंतरिक्ष के आकाशीय पिंडों (Celestial bodies) के उत्पत्ति एवं उनके भौतिक एवं रासायनिक पहलुओं का अध्ययन करते हैं ।


20-खगोल विज्ञान (Astronomy):

इसमें अन्तरिक्ष में पाये जाने वाले सूर्य, चन्द्रमा, तारे, ग्रह, नक्षत्रों, क्षुद्रग्रहों, आकाशगंगाओं सहित अनेक आकाशीय पिंडों की उत्पत्ति, विकास, स्थिति एवं गति का भौतिक, रासायनिक एवं गणितीय विश्लेषण किया जाता है। 


21-इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics):

इस शाखा के अन्तर्गत विद्युत धारा के प्रवाह तथा उसमें  आने वाले प्रतिरोध, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे डायोड, ट्रायोड वॉल्व एवं ट्रांजिस्टर की संरचना व उनकी कार्यविधि का अध्ययन किया जाता है ।


22-जैव रसायन (Biochemistry):

विज्ञान की इस शाखा में सजीव कोशिकाओं के अन्दर पाये जाने वाले विभिन्न रसायनों,अभिक्रियाओं, उपस्थित मात्राओं, असन्तुलन से होने वाले प्रभावों एवं बचाव का अध्ययन करते हैं।


23-सूक्ष्म जीवविज्ञान (Microbiology)-

इस शाखा के अन्तर्गत सूक्ष्मदर्शी से दिखाई देने वाले सूक्ष्मजीवों जैसे एककोशिकीय जीवाणु, प्रोटिस्टा के सदस्य तथा कुछ शैवालों व कवकों का अध्ययन किया जाता है। 



24- भू भौतिकी (Geophysics)-

 इसमें भू-पटल के विभिन्न आयामों, भौतिक प्रक्रियाओं का अध्ययन करते हैं। यह पृथ्वी विज्ञान की  शाखा है। 


25-भू रसायन (Geochemistry)-

इस शाखा के अन्तर्गत भूमि के रासायनिक बनावट तथा उसके अंदर पाये जाने वाले विभिन्न चट्टानों एवं खनिजों के रासायनिक घटकों एवं उनके वितरण का अध्ययन किया जाता है | यह भी पृथ्वी विज्ञान की एक शाखा है| 


26-वायुमंडलीय विज्ञान (Atmospheric Science)-

यह वायुमंडलीय भौतिकी, रसायन एवं मौसम विज्ञान का संयुक्त अध्ययन है, जिसमे पृथ्वी के वायुमंडल एवं उसमें होने वाली घटनाओं, विशेष रूप से मौसम की भविष्यवाणी का अध्ययन किया जाता है| 


27-बायोइन्फारमेटिक्स Bioinformatics-

इसके अंतर्गत जीव विज्ञान के विभिन्न शाखाओं जैसे आण्विक जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी एवं जीनी अभियांत्रिकी, जीन कोड की सूचनाओं का कम्प्यूटराइज्ड आंकड़ा संकलन एवं उसकी उपयोगिता के सम्बन्ध में सांख्यिकीय अध्ययन किया जाता है|

28-जैव अभियांत्रिकी (Bio Engineering)-

इसमें अभियांत्रिकी के ज्ञान का अनुप्रयोग चिकित्सा के क्षेत्र में, जीवन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, गणित एवं अभियांत्रिकी सिद्धांतों की सहायता से जीव विज्ञान की समस्याओं का हल करने एवं चिकित्सीय उपकरणों के निर्माण प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है| 


29-जैव प्रौद्योगिकी(Biotechnology)-

यह जीव विज्ञान के अंतर्गत जीनी अभियांत्रिकी की एक तकनीकी है जिसके द्वारा उन्नत एवं निरोगी किस्म के पौधों एवं जंतुओं के लक्षणों में वांछित परिवर्तन किया जाता है|


30-पुरातत्व विज्ञान(archaeology)- 

इसमें खनन के उपरांत प्राप्त धातुओं एवं अन्य अवशेषों की सहायता से तत्कालीन वस्तुस्थिति, ऐतिहासिकता एवं सभ्यता का पता लगाकर उसे संग्रहित एवं सुरक्षित रखने हेतु अध्ययन करते हैं| 


उपरोक्त विज्ञान की प्रमुख शाखाओं का अध्ययन एवं शोध करके हम विज्ञान की सेवा के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर मानव कल्याण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए जीवन की सार्थकता को प्राप्त कर सकते हैं |








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                                                                                                                                                सादर 


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