- जॉन डीवी
शिक्षा द्वारा ही एक संपन्न समाज की आधारशिला रखी जा सकती है। जिस समाज में शिक्षा व्यवस्था जैसी होगी, उसी प्रकार के समाज का निर्माण होगा। हमें अगर एक सभ्य समाज का निर्माण करना है तो हमें शिक्षा के उद्देश्यों का निर्धारण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उद्देश्य ऐसे हों जिन्हें व्यवहारिक रूप से प्राप्त किया जा सके और जो व्यक्ति ,समाज और देश की आवश्यकताओं को पूर्ण कर सकें।
हमारे समाज व व्यक्ति लिए गणित एक अत्यंत उपयोगी विषय है जो शिक्षा के उद्देश्यों में अहम भूमिका निभाता है।
गणित अध्ययन के उद्देश्य -
सामान्यतः गणित के निम्न उद्देश्य हैं -
1. गणित की उपयोगिता का उद्देश्य :-
गणित एक अत्यन्त उपयोगी विषय है। जब से मनुष्य हमारे सभ्य समाज का प्राणी कहलाने लगा , तभी से गणित की उपयोगिता समझी जाने लगी।
आज हर क्षेत्र में गणित की आवश्यकता है। कृषि के क्षेत्र में भी बीजों की नाप तौल, समय की नाप, खेतों की नाप, पैदा होने वाली फसलों की गिनती आदि का जानना कृषक को भी लाभदायक सिद्ध होता है।
इसी प्रकार मेडिकल क्षेत्र में दवा का प्रतिशत भी प्रत्येक गोली अथवा शीशियों पर लिखा रहता है जिससे पता चलता है कि दवा में भिन्न भिन्न तत्व किस मात्रा में है और उन्हीं को देखकर डॉक्टर भी यह बताते हैं कि इस बीमारी को दूर करने के लिए कौन सा तत्व लाभदायक होगा।
व्यापार में भी हिसाब किताब के लिए, क्रय विक्रय के लिए, लेन देन ब्याज, बट्टा , शेयर, बैंक, पोस्ट ऑफिस आदि का संचालन बिना गणित के संभव नहीं हो सकता है।
2.अनुशासनात्मक उपयोगिता का उद्देश्य :- इस उद्देश्य से तात्पर्य मानसिक अनुशासन से है। छात्रों में ऐसी आदतों का निर्माण होता है जो अनुशासन के लिए अत्यंत आवश्यक है। गणित अध्ययन से छात्रों में मौलिकता, समय पालन और शुद्धता के गुण विकसित होते हैं।
"हमको बालकों के लिए सुव्यवस्थित चरित्र प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी है। प्रत्येक बालक अच्छा बनना चाहता है परन्तु यह तभी संभव है जब उसे अच्छा मार्ग दर्शक प्राप्त हो जाये।"
- कर्नल थॉमस
3.सांस्कृतिक संरक्षण का उद्देश्य :- व्यक्तियों के अनुभव पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होते रहते हैं जो हमारी संस्कृति का संरक्षण करते है। गणित उन्हीं सिद्धांतों और प्रक्रियाओं में मदद कर समाज का विकास करता है।
"गणित हमारी संस्कृति का दर्पण है।"
https://www.scientificgyanvarsha.org.in/2020/10/isro.html
4.मानसिक और बौद्धिक विकास का उद्देश्य :- गणित में ऐसी बहुत सारी जटिल समस्यायें हैं जिन्हें हल करने में दिमाग लगाना पड़ता है। उन्हें हल खोजने के लिए आपको मानसिक कसरत करनी पड़ेगी। इस प्रकार की समस्याओं के समाधान से छात्रों में तर्कशक्ति तथा मस्तिष्क की सृजनात्मकता का विकास होता है। छात्रों में खोज एवं आविष्कारों की जिज्ञासा प्रबल होती है।
5.आनंद प्राप्ति के उद्देश्य :- गणित की किसी जटिल समस्या को सफलतापूर्वक हल करने पर हृदय को प्रसन्नता मिलती है। गणित की जिन समस्या को हल करने में जितना अधिक परिश्रम करना पड़ता है उस का उत्तर प्राप्त होने पर उतनी ही अधिक ख़ुशी का अनुभव होता है।
6.अन्य विषयों से सम्बन्ध का उद्देश्य :-
"विज्ञान उतना ही यथार्थ है जितना कि वह गणित का प्रयोग करता है।" KENT
विज्ञान ही नहीं बल्कि अन्य विषयों में भी गणित के ज्ञान से बहुत सहायता मिलती है। भूगोल में संसार के मानचित्र को एक पन्ने पर बना देना और प्रत्येक दूरियों का वही अनुपात रखना जो वास्तव में है यह गणित का ही कमाल है।
इसी तरह अर्थशास्त्र भी वित्तीय संसाधनों, देश के बजट, घाटा लाभ आदि
का हिसाब गणित की सहायता से ही पूरा करता है।
गणित अध्ययन का महत्व
गणित आवश्यक, लाभदायक एवं सामाजिक महत्व से पूर्ण विषय है। 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, "एक बच्चे को तर्क के आधार पर सोचने, कारण जानने, विवेचन करने और अपनी सोच को बदलने के लिए गणित जैसे महत्वपूर्ण विषय का ज्ञान उसी प्रकार देना चाहिए जैसे कि एक वाहन को प्रकट रूप में दिखाकर उसका प्रयोगात्मक ज्ञान दिया जाना है .... क्योंकि यह विषय विवेचन और तर्क का मुख्य आधार है।
गणित "परिवर्तन का एक माध्यम है इसका उद्देश्य समाज में 4P की स्थापना करना होना चाहिए -
Prosperity, Plenty, Peace and Progress." - Dr. B. S. Verma
गणित का उपयोग सभी व्यक्ति प्रत्येक कदम पर करते हैं। इससे आर्थिक प्रगति का स्तर भी बढ़ता है। गणित द्वारा अर्थव्यवस्था को नयी दिशा मिली है। त्रिकोणमिति, आधुनिक बीजगणित, समुच्चय सिद्धांत, यांत्रिकी एवं टोपोलॉजी आदि गणित की शाखाओं के विकास में गणित का सर्वाधिक योगदान है। कर प्रणाली, बीमा, विदेश-व्यापार एवं आर्थिक सुरक्षा आदि अनेक नवीन विचारों को जन्म गणित के सिद्धांतों के आधार पर ही हुआ है।
गणित की सहायता से समीकरण, लेखाचित्रों का अध्ययन,बीजगणित, रेखागणित के समस्याओं का अध्ययन करते हैं। रेखागणित में संख्याओं आदि के संबंधों के धरातलीय एवं आकाशीय पक्षों का अध्ययन किया जाता है। इसके अध्ययन से छात्रों में तर्कपूर्ण ढंग से सोचने की आदत का विकास होता है।
जानकारी के लिए धन्यवाद🙏
जवाब देंहटाएंThanks alot
जवाब देंहटाएंThank u so much because mujhe maths se related notes banane the.jankari se bhut help hui.
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