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विज्ञान क्या है? What is Science?

विज्ञान क्या है ?what is Science? परिभाषा :   विज्ञान सुसंगत एवं क्रमबद्ध ज्ञान है जिसके अंतर्गत ब्रह्माण्ड (Universe) में स्थित सजीव (Living) एवं निर्जीव (Non-Living) घटकों (Component) में होने वाली घटनाओं व परिघटनाओं का  अध्ययन प्रयोगों (Practicals) एवं अवलोकनों (Observations) के द्वारा करते हैं। गणित में "प्रयोग" नहीं हैं, इस कारण गणित का अध्ययन कला के विषयों के साथ भी करते हैं। परन्तु गणित के बिना विज्ञान बिल्कुल अधूरा है, क्योंकि समस्त गणनाएँ (Counting) गणित की सहायता से की जाती है।   साइंस शब्द की उत्पत्ति (Origin of word Science) : साइंस  (Science) एक लैटिन शब्द Scientia से उत्पन्न है जिसका अर्थ है जानना (To know) । विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Science):  मुख्य रूप से विज्ञान को दो भागों में विभक्त किया गया है- भौतिक विज्ञान (Physical Science ) एवं जीवन विज्ञान (Life Science)। भौतिक विज्ञान में भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), भूगर्भ विज्ञान (Geology), खगोल विज्ञान (Astronomy), अन्तरिक्ष विज्ञान (Space Science), कम्प्यूटर विज्ञान (Compu...

एक विज्ञान विभिन्न धाराएं 1 Science different stream

एक विज्ञान विभिन्न धाराएं 1  Science different stream

भूमण्डल पर उपस्थित सभी सजीव एवं  निर्जीव ,वस्तु व उनसे जुड़ी हुई खोजों ,आविष्कारों ,पर्यावरण, कला , इतिहास ,भौगोलिक स्थिति, सामाजिक एवं अर्थिक स्थिति, आंकिक एवं तार्किक विश्लेशण व उनके बारे में विभिन्न जानकारियां किसी न किसी विषय में संयोजित की गई हैं ।

यूँ तो सभी विषयों का अपना एक विशेष महत्व होता है परंतु विज्ञान के विषय अपना एक अलग महत्व रखते हैं विज्ञान सीखना स्वतः स्फूर्त  प्रक्रिया है जो व्यक्ति के मेधा पर निर्भर करती है हर व्यक्ति की मेधा और रूचि अलग-अलग होती है । इसका प्रमुख कारण अनुवंशिक होता है। पालन पोषण व आसपास का वातावरण भी इसके लिये उत्तरदायी होता है । जबर्दस्ती किसी के अन्दर विज्ञान के प्रति अभिरुचि उत्पन्न नहीं की जा सकती ।

बालक में स्वाभाविक रूप से अनुकरण कर सीखने की क्षमता होती है। बालक अपने आसपास के वातावरण से सीखता है।

सीखने के क्रम में बालक संस्थागत कक्षाओं में अपने अथवा अपने माता पिता के रूचि एवं इच्छानुसार प्रवेश लेता है।

आज वैज्ञानिक बनने के लिये विज्ञान विषय की डिग्री होना महत्वपूर्ण है।परन्तु इसके लिये वैज्ञानिक दृष्टि एवं दृष्टिकोण तथा वैज्ञानिक सोच की आवश्यकता होती है। पूर्व में बिना विज्ञान विषय में डिग्री हासिल किये ही चमत्कारिक रूप से अनेक वैज्ञानिकों ने अविष्कार किये हैं।


अक्सर यह देखा जाता है कि इंटरमीडिएट / ग्रेड 12की विज्ञान वर्ग की परीक्षा उतीर्ण करने के पश्चात छात्र छात्राएँ इस बात लेकर पशोपेश में रहते हैं कि विज्ञान की किस धारा का चयन किया जाय जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके ।

वैज्ञानिक सिर्फ अपने परिप्रेक्ष्य में नहीं वरन् पूरी मानव जाति के कल्याण के लिये शोध कर सिद्धान्त प्रतिपादित करता है और अपने सपनों को मूर्त रूप देता है।लोक कल्याणकारी बहुत से अविष्कार आज हमें भौतिक सुख सुविधा प्रदान कर रहे हैं।

व्यक्ति की मेधा और रूचि अलग-अलग होती है विद्यार्थी मुख्यतः तीन विषय वर्गों का चयन अपनी अथवा अपने अभिभावक की इच्छा पर करता है ।जिसमें कई विषय समाहित होते हैं ।


कला वर्ग ,वाणिज्य वर्ग और  विज्ञान वर्ग विद्यार्थियों की पसंद होती है । अधिकांशतः विद्यार्थियों का विज्ञान वर्ग लेने का प्रमुख ध्येय यह होता है कि वह  डॉक्टर अथवा इंजीनियर बनना चाहते हैं । 


1 विज्ञान विभिन्न धाराएँ हैं । विज्ञान का अध्ययन कर डॉक्टर या इंजीनियर बना जा सकता है यह बात आम लोगों को पता है ।परन्तु इसकी कई और धाराएँ (streams) भी हैं यह कुछ खास लोगों को ही पता होती हैं। 


डाक्टर बनने के लिये जीवविज्ञान  ,भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान तथाइंजीनियर बनने के लिये गणित भौतिक विज्ञान एवं रसायन विज्ञान का अध्ययन किया जाता है।


डॉक्टर और इंजीनियर का  पेशा सर्वोत्तम माना जाता है समाज में इस पेशे को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है यह सच भी है क्योंकि सरकारी डॉक्टर और इंजीनियर  प्रथम श्रेणी के अधिकारी होते हैं प्राइवेट डॉक्टर और इंजीनियरों को भी समाज में उच्च स्थान प्राप्त होता है ।


बच्चा डॉक्टर और इंजीनियर बने सभी अभिभावकों की प्राथमिक इच्छा होती है परंतु विज्ञान पढ़कर सिर्फ डॉक्टर और इंजीनियर नहीं बना जाता बल्कि विज्ञान की पढ़ाई करने के उपरांत प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने के बाद और भी तमाम उच्च पद प्राप्त होते हैं तथा समाज में कुछ अच्छा करने का अवसर प्राप्त होता है|


आइए जानते हैं कि विज्ञान की पढ़ाई करने के बाद समाज में और कौन से उच्च स् पद प्राप्त होते हैं तथा 1 विज्ञान की और कितनी धाराएँ हैं जिसमें अपना करियर बनाया जा सकता है।

What are the career option if we opt for Science stream-

इंजीनियर -

विश्व के विभिन्न देशों में उत्कृष्ट इंजीनियर प्राप्त करने हेतु  प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं जिसके माध्यम से मेधावी छात्रों का चयन किया जाता है किसी देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने के लिए वहां के इंजीनियरों का अभूतपूर्व योगदान होता है इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए इंटरमीडिएट या ग्रेट 12th  स्टैंडर्ड में गणित एवं भौतिक विज्ञान तथा रसायन विज्ञान विषय अनिवार्य होते हैं प्रतिभावान छात्रों का प्रवेश इंजीनियरिंग कॉलेजों में दिया जाता है जहां ग्रेजुएट एवं  पोस्ट ग्रेजुएट इंजीनियर तैयार होते हैं। इंजीनियरिंग की डिप्लोमा डिग्री प्रदान करने के लिए पालीटेक्निक अथवा इसके समकक्ष संस्थान हर देशों देशों में खुले होते हैं इनको सहयोग प्रदान करने के लिए लगभग हर जगह छोटे-छोटे औद्योगिक संस्थान खुले होते हैं जहां यहां आईटीआई अथवा इसके समकक्ष उपाधि प्रदान की जाती है।

डॉक्टर -

विभिन्न देशों में उच्च कोटि के चिकित्सकों को प्राप्त करने के उद्देश्य से मेडिकल प्रवेश परीक्षा  संपन्न करायी जाती है जिसके माध्यम से मेधावी छात्रों का चयन किया जाता है । मानव एवं पशुओं के लिए अलग-अलग चिकित्सक होते हैं जिन्हें सम्मान के साथ डॉक्टर संबोधन दिया जाता है मनुष्यों एवं पशुओं जुड़े होने के कारण यह अध्ययन अत्यंत संवेदनशील हो जाता है । मनुष्य और पशुओं की सेवा में आस्था एवं विश्वास रखने वाले विद्यार्थी चिकित्सक या डॉक्टर बनना पसंद करते हैं । इसके लिए जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान तथा भौतिक विज्ञान विषय का चयन किया जाता है ।

एलोपैथी, होम्योपैथी तथा आयुर्वेद पद्धति में  क्रमशः एमबीबीएस ,बीएचएम एस,बीएएमएस तथा इसके समकक्ष की डिग्री प्राप्त कर डॉक्टर बना जाता है । डॉक्टरी का पेशा बहुत ही पवित्र माना जाता है डॉक्टरों को लोग  पृथ्वी का भगवान मानते हैं।

वैज्ञानिक-                              

विज्ञान एवं गणित विषय में रूचि रखने  वाले होनहार  विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षा में  भाग लेकर वैज्ञानिक शोध संस्थानों में प्रवेश पाते हैं और भविष्य में वैज्ञानिक बनते हैं ।



भूगर्भ वैज्ञानिक-

पृथ्वी के  अंदर छिपे अपरंपार  खनिज संपदा को खोजने एवं उन्हें उपयोग में लाने हेतु भूमि के गर्भ से निकालने के लिए सर्वप्रथम सर्वे करने एवं उसके बाद उसको निकलवाने की व्यवस्था करने का कार्य भूगर्भ वैज्ञानिकों का है। विज्ञान विषयों के साथ भूगर्भ विज्ञान अर्थात Geology का अध्ययन किया जाता है इस विषय के साथ अच्छा करियर प्राप्त किया जा सकता है। 

कंप्यूटर इंजीनियर -

आधुनिक समय में कंप्यूटर,वैज्ञानिकों के द्वारा प्रदत्त  एक महत्वपूर्ण उपहार है। कंप्यूटर की सहायता से हम भी विभिन्न सूचनाओं को चुटकियों में प्राप्त कर सकते हैं । कंप्यूटर में मनुष्य की जीवन को काफी बदल दिया है। विज्ञान विषयों के साथ कंप्यूटर विज्ञान का अध्ययन किया जाता है।  विज्ञान और टेक्नोलॉजी के मिश्रण से बना यह उपकरण हमारे जीवन का विशेष अंग बन गया है।


अंतरिक्ष वैज्ञानिक-

जिन विद्यार्थियों को जीवन में एडवेंचर पसंद है वह स्पेस साइंस का अध्ययन कर रोमांच हासिल कर सकते हैं। अनेक प्रकार के सेटेलाइटों का निर्माण एवं संचालन प्रक्रिया सीखने के अलावा अंतरिक्ष यात्री बन कर अंतरिक्ष के विशेष रहस्य की जानकारी प्राप्त करते हुए विज्ञान की दुनिया में इतिहास रच सकते हैं। गणित विज्ञान एवं जीव विज्ञान के विद्यार्थी इस महत्वपूर्ण धारा में शामिल हो सकते हैं। 


जन्तुशास्त्री -

जीव विज्ञान के जंतु विज्ञान शाखा का अध्ययन करके जंतु शास्त्री बन जंतुओं के विषय में करअधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर करियर बनाया जा सकता है।

शिक्षक -

विज्ञान विषय में दक्षता प्राप्त करने के पश्चात् शिक्षक बनकर के विद्यार्थियों को ज्ञान प्रदान करने का कार्य सर्वोत्तम है इसमें पर्याप्त सम्मान, धन प्राप्त होता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स -

आज के इस आधुनिक समय में इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर हम बहुत ज्यादा निर्भर करते हैं। टेलीविजन, मोबाइल आदि आज अनेक वैज्ञानिक उपकरण हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी-

वर्तमान में इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी में विश्व में एक होड़ मची हुई है। विश्व में विश्व में हर कोई इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के दौड़ में शामिल है। कंप्यूटर एवं मोबाइल के द्वारा इंफॉर्मेशन प्रदान करने के लिए बहुत प्रतियोगिता है क्योंकि हर कोई इन्हीं माध्यम से सूचना देने व प्राप्त करने की दौड़ में शामिल है।  
 
वनस्पति शास्त्री-

जीव विज्ञान के वनस्पति शाखा का अध्ययन करके उसमें दक्षता हासिल कर वनस्पति शास्त्री   बनना गर्व की बात है। वनस्पति शास्त्री बनकर हम पौधों के विषय में व्यापक अध्ययन कर वन विभाग की बड़े पदों एवं उद्यानों को व्यवस्थित करने हेतु उच्चाधिकारी बन सकते हैं।  

भौतिक शास्त्री-

भौतिक विज्ञान का विशद अध्ययन करके विषय पर पकड़ बनाते हुए भौतिक शास्त्री बनना अपने आप में गर्व का विषय है।हम भौतिक विज्ञान की विभिन्न आयामों एवं पहलुओं का अध्ययन कर समाज में कोई आविष्कार करके एक अमित छाप छोड़ सकते हैं।

रसायन शास्त्री -

भूमंडल पर पाये जाने वाले विभिन्न रसायनों के भौतिक एवं रासायनिक गुणों का अध्ययन करके दवाओं के मिश्रणों का प्रतिशत निर्धारित करने की क्षमता प्राप्त कर रसायन शास्त्री बन उच्च मुकाम हासिल कर सकते हैं।

फार्मेसी-

फार्मेसी में हम दवाओं के निर्माण एवं उनके समुचित उपयोग संबंधी ज्ञान का अर्जन करते हैं। इसमें हम दवा बनाने से लेकर के उनके फार्मूले प्रयोग आदि का विस्तृत अध्ययन कर फार्मासिस्ट की नौकरी प्राप्त करने के साथ-साथ अपने मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी प्राप्त कर सकते हैं।

डाइटिशियन-

विज्ञान का अध्ययन करके हम किसी भी स्वस्थ एवं रोगी व्यक्तियों के खानपान से संबंधित खाद्य पदार्थों की मात्रा का निर्धारण, उसे इसके प्रयोग के विषय में बता कर स्वस्थ तथा रोगी व्यक्तियों की देखभाल के संबंध में अध्ययन करते हैं। आधुनिक समाज में लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी गंभीर रहते हैं और खाने-पीने के संबंध में डाइटिशियन से संपर्क रखते हैं और उसी की सलाह पर उसके द्वारा बताए गए भोज्य पदार्थों की मात्रा का सेवन कर स्वस्थ रहते हैं।

फिजियोथेरेपिस्ट -

सामान्य रूप से अथवा किसी दुर्घटना आदि के उपरांत शारीरिक क्षति या शरीर के अंगों में किसी प्रकार का रोग होने पर चिकित्सक दवा के साथ साथ व्यायाम करने का भी सुझाव देते हैं। जिसके लिए डॉक्टर, फिजियोथेरेपिस्ट से संपर्क स्थापित कर स्वास्थ्य लाभ लेने का सुझाव देते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट का कैरियर भी अत्यंत सम्मान जनक है इसमें भी विज्ञान के अध्ययन की आवश्यकता होती है क्योंकि बिना मानव शरीर की रचना जाने फिजियोथेरेपिस्ट बनना संभव नहीं है।

डाटा एनालिस्ट-

आज डिजिटल युग में सूचनाओं को संग्रह करने अथवा डाटा के रूप में संचित रखने जैसा महत्वपूर्ण कार्य प्रचलन में है। विज्ञान एवं गणित का अध्ययन कर डाटा एनालिस्ट बन कर अच्छा करियर प्राप्त किया जा सकता है। यद्यपि इसके लिए विज्ञान विषय अनिवार्य नहीं है परंतु विज्ञान के अंतर्गत आने वाले गणित विषय का ज्ञान डाटा एनालिस्ट बनने के लिए बहुत आवश्यक है।

लैब टेक्नीशियन -

विज्ञान में मुख्यतः जीव विज्ञान एवं रसायन विज्ञान का विशद अध्ययन करके स्वास्थ्य विभाग तथा विभिन्न प्रयोगशालाओं, कारखानों में लैब टेक्नीशियन का कार्य किया जा सकता है।रसायन शास्त्र की मदद से कारखानों में विभिन्न धातुओं, तेलों एवं ल्युब आयल का परीक्षण किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग में शरीर से निकलने वाले वर्ज्य पदार्थों के साथ शरीर के अंदर पाए जाने वाले रुधिर, हार्मोन्स आदि का परीक्षण सीख कर लैब टेक्नीशियन बन कर धनार्जन किया जा सकता है।
 

एक्सरे एक्सपर्ट -

विज्ञान विषय का अध्ययन कर एक्सरे एक्सपर्ट, एक्स रे टेक्नीशियन का सरकारी विभाग अथवा प्राइवेट क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया जा सकता है।

साइकोलॉजिस्ट -

मनुष्य के मनोविज्ञान अर्थात वह कैसे और किस प्रकार से सोच कर अपना कार्य संपन्न कर रहा है उसका अध्ययन करने के पश्चात साइकोलॉजिस्ट बनकर समाज में शीर्ष स्थान प्राप्त किया जा सकता है। मनोविज्ञान भी विज्ञान की ही शाखा है क्योंकि मनोविज्ञान में भी प्रयोग आधारित अध्ययन किया जाता है।  

कृषि वैज्ञानिक-

कई देशों की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर करती है उन्नत कृषि किसी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जिसके लिए उस देश में प्रशिक्षित एवं विद्वान कृषि वैज्ञानिक अपना महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। कृषि वैज्ञानिक बनकर अपने देश के साथ साथ पूरी दुनिया का ध्यान रखा जा सकता है।

पैरामेडिक्स -

तेज गति से बढ़ रही जनसंख्या में उतनी ही तेजी से रोगों का प्रसार हो रहा है जिसकी देखभाल के लिए पैरामेडिक्स की कमी आए दिन देखने को मिलती है पैरामेडिकल में फार्मासिस्ट, हेल्थ इंस्पेक्टर, नर्स, एएनएम, वार्ड बॉय, ड्रेसर, सफाई कर्मी आदि आते हैं। इनमें से कोई क्षेत्र चयन करके भविष्य बनाया जा सकता है और अपना और परिवार का भरण पोषण किया जा सकता है।

डेन्टल चिकित्सक/टेक्नीशियन-

एमबीबीएस के  समकक्ष डिग्री बीडीएस अर्थात बैचलर आफ डेंटल सर्जन प्राप्त कर दांतों की देखभाल करने वाला चिकित्सक बनकर अपना करियर बनाया जा सकता है।

फ़ार्मासिस्ट-

किसी भी स्वास्थ्य तंत्र का रीढ़ उसके अंदर कार्य करने वाले कर्मचारियों के कारण मजबूत रहती है इसी तरह फार्मासिस्ट किसी भी अस्पताल का मजबूत स्तंभ होता है जो दवाओं के रखरखाव से लेकर उसके वितरण की जिम्मेदारी संभालता है। बी फार्मा अथवा डी फार्मा की डिग्री लेकर फार्मासिस्ट बना जाता है । यही डिग्री धारक जब दवा बनाने वाली फैक्ट्री में कार्य करता है तो उसका पदनाम बदल जाता है और वह दवा निर्माण के कार्य में लग जाता है।  

मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव -

दवा कंपनियां अपनी दवाओं को बेचने के लिए हर जगह पर अपने प्रतिनिधि रखती हैं जिसके द्वारा वह अपनी दवा का प्रचार प्रसार एवं बिक्री सुनिश्चित करती है यह मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव चिकित्सकों से संपर्क करके दवाओं के विषय में अवगत कराते हैं तथा इसी कंपनी के सेल्स रिप्रेजेंटेटिव उन दवाओं के बिक्री एवं आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करते हैं।

मेडिकल स्टोर -

विज्ञान विषय का अध्ययन करके हम मार्केट में मेडिकल स्टोर खोल सकते हैं जिसके लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है और यह लाइसेंस, विज्ञान विषय के साथ साथ फार्मासिस्ट की डिग्री प्राप्त करने वालों को ही प्रदान की जाती है।

बायोमेडिकल-

बायोमेडिकल का क्षेत्र नया उभरता हुआ क्षेत्र है जिसमें इंजीनियरिंग और जीव विज्ञान की स्किल का मिश्रण करके एक ऐसा इंजीनियर बनाया जाता है जो चिकित्सीय उपकरणों का निर्माण कर सके। डॉक्टर, मेडिकल उपकरणों का सिर्फ प्रयोग करते हैं जैसे स्टेथेस्कोप, थर्मामीटर, वेंटीलेटर, अल्ट्रासोनोग्राफी, एक्सरे, आदि का डॉक्टर सिर्फ प्रयोग करना जानता है परंतु बायोमेडिकल इंजीनियर इसका निर्माण एवं प्रयोग दोनों जानता है।  

बायोइन्फॉर्मेटिक्स-

जीव विज्ञान एक नया क्षेत्र और बहुत ही प्रतिष्ठित बायोइनफॉर्मेटिक्स इस समय जीव विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए पहली पसंद बनी हुई है क्योंकि इसमें मॉलीक्यूलर बायोलॉजी के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग अथवा बायोलॉजिकल डाटा के प्रबंधन एवं विश्लेषण हेतु कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का अनुप्रयोग है।

मौसम वैज्ञानिक-

मौसम की बारे में अग्रिम एवं सटीक सूचना देने का कार्य मौसम वैज्ञानिक करते हैं और यह मौसम वैज्ञानिक विज्ञान की पढ़ाई करके ही बना जा सकता है यह बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र है और मुख्य रूप से भौतिक विज्ञान की पढ़ाई इसके लिए आवश्यक है।

समुद्र वैज्ञानिक/इंजीनियर-

तेल एवं प्राकृतिक गैस को अपने गर्भ में समेटे हुए विशाल समुद्र प्राकृतिक संपदाओं का खजाना है। पैट्रोलियम इंजीनियरिंग  एवं भूगर्भ शास्त्र का अध्ययन करने की पश्चात इसमें जॉब की अपार संभावनाएं हैं।


पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग- इस स्ट्रीम में विद्यार्थी पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग के प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश लेकर अध्ययन करता है। अध्ययन के पश्चात् पृथ्वी के अंदर  छिपे पेट्रोलियम पदार्थ एवं रसायन को खोजने में शिक्षा महत्वपूर्ण योगदान करती है।  पेट्रोकेमिकल स्ट्रीम इंजीनियरिंग में कोर ट्रेड माना जाता है। 

उपरोक्त क्षेत्रों का अध्ययन करके हम अपना भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं और सुविधा पूर्ण जीवन यापन कर सकते हैं।

सुधी पाठकों ! यदि उपरोक्त जानकारी उपयोगी हो तो इसे शेयर करें ताकि समाज में वैज्ञानिक दृष्टि एवं दृष्टिकोण विकसित किया जा सके। 


                              

                                                                                              सादर 









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