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विज्ञान क्या है? What is Science?

विज्ञान क्या है ?what is Science? परिभाषा :   विज्ञान सुसंगत एवं क्रमबद्ध ज्ञान है जिसके अंतर्गत ब्रह्माण्ड (Universe) में स्थित सजीव (Living) एवं निर्जीव (Non-Living) घटकों (Component) में होने वाली घटनाओं व परिघटनाओं का  अध्ययन प्रयोगों (Practicals) एवं अवलोकनों (Observations) के द्वारा करते हैं। गणित में "प्रयोग" नहीं हैं, इस कारण गणित का अध्ययन कला के विषयों के साथ भी करते हैं। परन्तु गणित के बिना विज्ञान बिल्कुल अधूरा है, क्योंकि समस्त गणनाएँ (Counting) गणित की सहायता से की जाती है।   साइंस शब्द की उत्पत्ति (Origin of word Science) : साइंस  (Science) एक लैटिन शब्द Scientia से उत्पन्न है जिसका अर्थ है जानना (To know) । विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Science):  मुख्य रूप से विज्ञान को दो भागों में विभक्त किया गया है- भौतिक विज्ञान (Physical Science ) एवं जीवन विज्ञान (Life Science)। भौतिक विज्ञान में भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), भूगर्भ विज्ञान (Geology), खगोल विज्ञान (Astronomy), अन्तरिक्ष विज्ञान (Space Science), कम्प्यूटर विज्ञान (Compu...

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET)






राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा National eligibility cum entrance test (NEET)

नीट परीक्षा क्या है ?       

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा नीट के नाम से जाना जाता है जिस में पात्र छात्र-छात्राएं भाग लेकर डॉक्टर बनकर अपने सपने को पूरा करते हैं और समाज के अंदर ख्याति अर्जित करने के साथ-साथ धनार्जन भी करते हैं। चिकित्सकों, जिनको आम बोलचाल की भाषा में डॉक्टर कहते हैं जिनका सामाजिक प्रभाव एवं आर्थिक स्थिति प्रायः सभी नागरिकों को आकर्षित करती है। इसी आकर्षण को देखकर और माता- पिता अपने बच्चे को समाज में डॉक्टर के रूप में स्थापित देखना चाहते हैं। मां-बाप बचपन से ही बच्चों में यह भावना कूट-कूट कर भरते हैं कि उन्हें भविष्य में डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना है और इसे अपना करियर बनाना है।


डॉक्टर बनने अथवा बनाने का निर्णय-


अधिकांश बच्चे डॉक्टर बनने के लिए स्वयं भी निर्णय लेते हैं परंतु अधिकतर यह देखा जाता है कि माता-पिता अपने बच्चे को बचपन से डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित करते रहते हैं । जो बच्चे स्वतः निर्णय लेकर डॉक्टर बनने की राह चुनते हैं उनकी सफलता का प्रतिशत अपेक्षाकृत मां बाप की थोपे गए सपने ढोने वाले बच्चों से अधिक होता है ।

विश्व के सभी देशों में डॉक्टर बनने हेतु एक प्रतियोगी परीक्षा 12 वीं के बाद कराई जाती है सभी देशों में इसके नाम अलग-अलग हैं परंतु अद्यतन डॉक्टर बनने के लिए भारत की प्रतियोगी परीक्षा को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के नाम से जाना जाता है।

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा कराने का निर्णय भारत सरकार ने छात्र हित को ध्यान में रखकर लिया है, जबकि पूर्व में डॉक्टर बनने के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों द्वारा अलग-अलग, प्रदेशों के प्रादेशिक स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर अलग अलग नाम से प्रवेश परीक्षाएं कराई जाती थी, जिसमें छात्रों का अत्यधिक समय व धन खर्च होने के साथ-साथ उनके द्वारा मेडिकल कॉलेज के चयन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था ।

नीट परीक्षा आयोजन कर्ता-


छात्रों की इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखकर भारत सरकार ने डॉक्टर बनने के लिए एकीकृत प्रवेश परीक्षा, जिसे राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के नाम से जाना जाता है इसको कराने का निर्णय लिया । देश के सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए अलग-अलग परीक्षा देने से छात्रों को निजात मिल गई ।भारत सरकार, देश में संपन्न होने वाली इस प्रवेश परीक्षा को  नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एन.टी.ए. (NTA) के द्वारा संपन्न कराती है। 

एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी तथा होम्योपैथिक इन सभी चिकित्सा पद्धति में छात्रों को इस पात्रता परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है। एम.बी.बी.एस., बी.ए.एम.एस., बी.यू.एम.एस., बी.एच.एम.एस., बी.डी.एस. आदि  की बैचलर डिग्री प्रदान की जाती है। इस प्रवेश परीक्षा के माध्यम से देश के सभी मेडिकल कॉलेजों चाहे वह सरकारी हो अथवा प्राइवेट सभी में छात्रों को डॉक्टर बनने की शिक्षा प्रदान की जाती है।

नीट परीक्षा के लिए निर्धारित विषय-


डॉक्टर बनने की राह चुनने के लिए बचपन से बच्चे के अंदर विज्ञान के प्रति रुझान उत्पन्न किया जाता है कुछ बच्चे इसे स्वतः चुनते हैं अथवा माता-पिता, अध्यापकों एवं श्रेष्ठ जनों के परामर्श पर इस प्रवेश परीक्षा में भाग लेकर चिकित्सक बनने का अवसर प्राप्त करते हैं। प्रवेश परीक्षा हेतु मुख्य रूप से भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान तथा जीव विज्ञान/बायोटेक्नोलॉजी  अनिवार्य रूप से पढ़ना पड़ता है।

भारत में केंद्रीय स्तर पर इन विश्वविद्यालयों/मेडिकल कॉलेजों को नियंत्रित करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय कार्य करता था, परंतु वर्तमान में इस मंत्रालय को शिक्षा मंत्रालय का नाम दिया गया है। अब राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा शिक्षा मंत्रालय के अधीन संपन्न कराई जाती है।

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा को उत्तीर्ण  करने के लिए अत्यधिक परिश्रम करना अति आवश्यक है। मेधावी तथा परिश्रमी छात्रों का चयन इस परीक्षा के उपरांत अवश्य होता है। बच्चे अत्यधिक परिश्रम के उपरांत डॉक्टर बनते हैं कभी-कभी विफलता का सामना होने पर परिश्रमी विद्यार्थी बहुत निराश होते हैं परंतु इसकी कोई आवश्यकता नहीं होती हो सकता है कि वह समाज में किसी अन्य प्रकार से योगदान करने हेतु बने हों।

डॉक्टर बनने के अन्य विकल्प-

कई देशों में डोनेशन अथवा प्रवेश परीक्षा के माध्यम से डॉक्टर बनने हेतु छात्रों को दूसरा विकल्प उपलब्ध रहता है, जो छात्र निराशा का परित्याग कर डॉक्टर बनने की अन्य विकल्पों का तलाश करते हैं वह भी डॉक्टर बनकर भारत देश में भारतीय चिकित्सा परिषद, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और भारतीय दंत परिषद द्वारा संचालित एक और परीक्षा देकर डॉक्टर बन सकते हैं।

क्या नीट की परीक्षा बहुत आसान है?

जीवन में कुछ भी आसान नहीं होता और कुछ प्राप्त करने के लिए परिश्रम बहुत ही महत्व रखता है। यह परीक्षा बहुत कठिन है यह कहना उचित नहीं है, क्योंकि हर वर्ष विद्यार्थी इस में भाग लेकर मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाते हैं इस परीक्षा के बारे में यह भी कहना उचित नहीं है कि यह बहुत आसान परीक्षा है । राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा डॉक्टर बनने हेतु यह एक प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा है जिससे हर विद्यार्थी हर हाल में उत्तीर्ण करना चाहता है। इसका यह अभिप्राय कदापि नहीं है कि हम इसके लिए प्रयास ही न करें, क्योंकि परिश्रम के द्वारा हम अपना निर्धारित लक्ष्य अवश्य प्राप्त करते हैं।


आरक्षण-

इस प्रवेश परीक्षा में पहले से अनुसूचित जाति को 15% तथा अनुसूचित जनजाति को 7% आरक्षण प्रदान किया जाता था हाल ही में भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि अब नीट परीक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण दिया जाएगा साथ ही ईडब्ल्यूएस के छात्रों को भी 10% आरक्षण देने का फैसला वर्तमान सरकार ने दिया है। यह आरक्षण शिक्षण सत्र 2021 -22  से ही अनुमन्य होगा। सामाजिक समरसता को बढ़ाने के उद्देश्य से भारत सरकार का यह निर्णय ऐतिहासिक है।

NTA ने इसके कारण दिनांक01/08/2021 को संशोधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।


राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा कार्यक्रम-

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा प्रणाली प्रारंभ होने के पूर्व मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश हेतु अनेकानेक नाम से वर्ष में एक बार परीक्षा आयोजित की जाती थी। बीच में सरकार ने यह निर्णय लिया कि अब नीट के नाम से होने वाली परीक्षा को वर्ष में दो बार संपन्न कराया जाएगा, परंतु कतिपय कारणों से 2020 में नीट परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित कर 16 अक्टूबर 2020 को परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया। 

वर्ष 2021 में नीट परीक्षा का रजिस्ट्रेशन 13 जुलाई से प्रारंभ किया गया है और यह रजिस्ट्रेशन 6 अगस्त 2021 तक जारी रहेगा। 12 सितंबर 2021 को भारत के सभी शहरों में कोविड  प्रोटोकॉल के तहत आयोजित की जाएगी।

आयु सीमा- 

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा 2021 की विज्ञप्ति के अनुसार न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित की गई है परंतु अधिकतम आयु सीमा का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। जो अभ्यर्थी 31 दिसंबर 2021 को 17 वर्ष की आयु पूरी कर रहे हैं ऐसे सभी अभ्यर्थी इस प्रवेश परीक्षा में भाग लेने के लिए अर्ह /पात्र हैं। 


नीट परीक्षा में भाग लेने की अन्य अर्हताएँ -


नीट परीक्षा में उपरोक्त विषयों से 12वीं कक्षा में भाग लेने वाले तथा उत्तीर्ण सभी बोर्ड के छात्र सम्मिलित हो सकते हैं। 12वीं कक्षा में भाग लेने वालों के साथ यह शर्त रहती है की नीट की परीक्षा पास करने के साथ बारहवीं कक्षा भी उत्तीर्ण करना अनिवार्य है, अन्यथा उन्हें प्रवेश से वंचित कर दिया जाएगा

इस परीक्षा में भारत के सभी नागरिक, अप्रवासी भारतीय तथा भारतीय विदेशी नागरिकता प्राप्त व्यक्ति सम्मिलित हो सकते हैं सभी का कोटा निर्धारित है


उत्तीर्णांक - 

सामान्य/अनारक्षित वर्ग         50 परसेंटाइल

सामान्य दिव्यांग                    45 परसेंटाइल

अनुसूचित जाति/

अनुसूचित जनजाति              40 परसेंटाइल

आरक्षित दिव्यांग                    40परसेंटाइल

रजिस्ट्रेशन- https://neet.nta.nic.in/ पोर्टल पर जाकर अभ्यर्थी अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं 


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                                                                                                 सादर 

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