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विज्ञान क्या है? What is Science?

विज्ञान क्या है ?what is Science? परिभाषा :   विज्ञान सुसंगत एवं क्रमबद्ध ज्ञान है जिसके अंतर्गत ब्रह्माण्ड (Universe) में स्थित सजीव (Living) एवं निर्जीव (Non-Living) घटकों (Component) में होने वाली घटनाओं व परिघटनाओं का  अध्ययन प्रयोगों (Practicals) एवं अवलोकनों (Observations) के द्वारा करते हैं। गणित में "प्रयोग" नहीं हैं, इस कारण गणित का अध्ययन कला के विषयों के साथ भी करते हैं। परन्तु गणित के बिना विज्ञान बिल्कुल अधूरा है, क्योंकि समस्त गणनाएँ (Counting) गणित की सहायता से की जाती है।   साइंस शब्द की उत्पत्ति (Origin of word Science) : साइंस  (Science) एक लैटिन शब्द Scientia से उत्पन्न है जिसका अर्थ है जानना (To know) । विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Science):  मुख्य रूप से विज्ञान को दो भागों में विभक्त किया गया है- भौतिक विज्ञान (Physical Science ) एवं जीवन विज्ञान (Life Science)। भौतिक विज्ञान में भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), भूगर्भ विज्ञान (Geology), खगोल विज्ञान (Astronomy), अन्तरिक्ष विज्ञान (Space Science), कम्प्यूटर विज्ञान (Compu...

सिरिशा बांदला नेअपना अंतरिक्ष का अनुभव लोगों से किया साझा

 सिरिशा बांदला ने अपना अंतरिक्ष का अनुभव लोगों से किया साझा

सिरिशा ने अपनाअंतरिक्ष का अनुभव लोगों से किया साझा किया । लगभग 34 वर्षीय सिरशा ने अपनी पहली सफल अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव बताया ।


सिरिशा ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि मैं युवा अंतरिक्ष यात्री बनना चाहती थी लेकिन किन्हीं कारणों से मैं नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन नासा में नहीं जा सकी परन्तु मैने हार नहीं मानी और अंतरिक्ष में जाने का एक बहुत ही अपारंपरिक तरीका अपनाया।


उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात का पूर्ण विश्वास है कि बहुत सारे लोग इसका अनुभव करने जा रहे हैं और इसलिए हम यहां हैं । उन्होंने कहा कि वर्जिन गैलेक्टिक का निर्माण होते ही यह वीएसएस यूनिटी की अंतरिक्ष की सवारी बन गईं लेकिन दो और अंतरिक्ष यान का निर्माण हो रहा है।


सिरिशा ने अपनी पहली सफल अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव सुनाते हुए बताया कि उन्होंने लगभग 53 मील की उँचाई अथवा 88 किलोमीटर पर अंतरिक्ष के छोर पर पहुंची। उन्होंने कहा कि लगता है कि जैसे मैं अभी भी अंतरिक्ष में ही उड़ान भर रही हूँ परन्तु पृथ्वी परआने पर बहुत ही खुशी महसूस हो रही है। मैं अद्भुत से बेहतर शब्द के बारे में सोचने की कोशिश कर रही थी लेकिन यही एक मात्र शब्द है जो मेरे दिमाग में आ सकता है ।


पृथ्वी का दृश्य अंतरिक्ष से देखना एक अनोखा अनुभव है और ये जीवन बदलने वाला अनुभव था ।अंतरिक्ष की यात्रा करना वास्तव में अद्भुत है उन्होंने इस पल को भावुक करने वाला बताते हुए कहा कि मैं बचपन से ही अंतरिक्ष में जाने का सपना देख रही थी और सचमुच यह एक सपने के सच होने जैसा है ।


भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सिरिशा बंदला ने कहा कि वर्जिन गैलेक्टिक की पहली पूर्ण चालकदल वाली भारत में जन्मी दूसरी महिला बन गई।सफल परीक्षण उड़ान में उनकी पहली यात्रा के दौरान अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखना एक अद्भुत ,अविस्मरणीय ,और जीवन को बदलने वाला गौरवशाली क्षण था। एरोनॉटिकल इंजीनियर। लगभग 34 वर्ष आयु की पहली महिला जो रविवार को11/जुलाई 21 को उड़ान भरी ।


अपनी यात्रा वृतांत सुनाते हुए उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अमेरिका के न्यू मैक्सिको प्रांत से अरबपति रिचर्ड ब्रेनसन के साथ वर्जिन गैलेक्टिक से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी तो ये उनके जीवन का सबसे रोमांचकारी क्षण था ।उनके साथ न्यू मेक्सिको सेअंतरिक्ष यान की उड़ान में बांदला के साथ पांच और लोग शामिल थे । इतनी ऊँचाई पर यह पहली यात्रा पूर्ण की और अंतरिक्ष के छोर पर पहुंचे। वहाँ 3-4 मिनट तक भारहीनता महसूस करने और धरती का नजारा देखने के बाद वापस लौट आए।


सिरशा बांदला, कल्पना चावला के बाद भारत में जन्मी दूसरी महिला अंतरिक्ष यात्री बनी। वास्तव में अंतरिक्ष में जाने वाले प्रथम भारतीय गौरव राकेश शर्मा के बाद भारतीय मूल की 3 महिलाओं क्रमशः कल्पना चावला 1997, सुनीता विलियम 2006 और अब सिरसा बांदला ने 2021 में अंतरिक्ष की यात्रा करके भारत का मान पूरी दुनिया में बढ़ाया है जो भारतीयों के लिए गर्व का विषय है


भारत-सोवियत सहयोग से दो सोवियत यात्रियों के साथ राकेश शर्मा ने सन 1984 में अंतरिक्ष में लगभग 8 दिनों तक की यात्रा की थी। तत्पश्चात कल्पना चावला ने 1997 में अंतरिक्ष की यात्रा की थी परंतु दुर्भाग्यवश हमने उन्हें खो दिया। सुनीता विलियम्स का जन्म अमेरिका में होने की कारण उन्हें भारतीय मूल का तो माना जाता है परंतु कल्पना चावला और सिरसा बांदला का जन्म भारत में होने के कारण मीडिया में सिरशा बांदला को भारत में जन्मी दूसरी महिला अंतरिक्ष यात्री का दर्जा दिया जा रहा है।


बचपन से ही सिरशा बांदला अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना संजोई थीं । इनका जन्म भारत में आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में हुआ था परंतु उनके माता-पिता अमेरिका में ही रहते थे। और इन्होंने अमेरिका के ह्यूस्टन ,टेक्सास में विज्ञान की शिक्षा ग्रहण कर अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना पूरा किया । सिरशा बांदला ने 2015 में वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी में अपने करियर की शुरुआत की और वह वर्तमान में वह कंपनी में सरकारी मामलों की उपाध्यक्ष हैं। साथ ही वर्जिन गैलेक्टिक में काम करने से पहले सिरशा बांदला ने टेक्सास में उन्होंने एक एरो स्पेस इंजीनियर के रूप में भी कार्य किया था


वह एसोसिएशन ऑफ नार्थ अमेरिका टानो से भी भी जुड़ी हैं । वर्जिन गैलेक्टिक, ब्रिटेन में जन्मे पूंजीपति रिचर्ड बेनसन की अंतरिक्ष के क्षेत्र में काम करने वाली विश्व विख्यात कंपनी है जो अमेरिका में स्थित है। इसके अलावा अमेजन के मालिक जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन एवं कार कंपनी टेस्ला के मालिक एलान मस्क की कंपनी स्पेस एक्स भी स्पेस के क्षेत्र में कार्य करने वाली निजी बड़ी कंपनियां हैं।


इसके अतिरिक्त अमेरिका में कई अन्य छोटी बड़ी कंपनियां हैं जिनका उद्देश्य स्पेस टूरिज्म को बढ़ावा देना है अंतरिक्ष में लोगों को सैर कराने के उद्देश्य से तेजी से कार्य कर रही ये कंपनियां पहले स्वयं जाकर ट्रायल कर रही हैं।


इस तरह से अंतरिक्ष में जाने का अधिकांश लोग लोगों का सपना साकार होने के करीब है ऐसे पूंजीपति जो अंतरिक्ष की सैर करना चाहते हैं वह इन यानों की सहायता से अंतरिक्ष की सैर कर रोमांच का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं ।


सुधी पाठकों ! यदि उपरोक्त जानकारी उपयोगी हो तो इसे शेयर करें ताकि समाज में वैज्ञानिक दृष्टि एवं दृष्टिकोण विकसित किया जा सके। 


                              

                                                                                         सादर 






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