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Scientificgyanvarsha

विज्ञान क्या है? What is Science?

विज्ञान क्या है ?what is Science? परिभाषा :   विज्ञान सुसंगत एवं क्रमबद्ध ज्ञान है जिसके अंतर्गत ब्रह्माण्ड (Universe) में स्थित सजीव (Living) एवं निर्जीव (Non-Living) घटकों (Component) में होने वाली घटनाओं व परिघटनाओं का  अध्ययन प्रयोगों (Practicals) एवं अवलोकनों (Observations) के द्वारा करते हैं। गणित में "प्रयोग" नहीं हैं, इस कारण गणित का अध्ययन कला के विषयों के साथ भी करते हैं। परन्तु गणित के बिना विज्ञान बिल्कुल अधूरा है, क्योंकि समस्त गणनाएँ (Counting) गणित की सहायता से की जाती है।   साइंस शब्द की उत्पत्ति (Origin of word Science) : साइंस  (Science) एक लैटिन शब्द Scientia से उत्पन्न है जिसका अर्थ है जानना (To know) । विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Science):  मुख्य रूप से विज्ञान को दो भागों में विभक्त किया गया है- भौतिक विज्ञान (Physical Science ) एवं जीवन विज्ञान (Life Science)। भौतिक विज्ञान में भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), भूगर्भ विज्ञान (Geology), खगोल विज्ञान (Astronomy), अन्तरिक्ष विज्ञान (Space Science), कम्प्यूटर विज्ञान (Compu...

जीव विज्ञान के क्षेत्र

विज्ञान की वह शाखा जिसमें हम जीवों के उद्भव , संरचनाओं , कार्यों , पहचान , वितरण एवं वर्गीकरण आदि का अध्ययन करते हैं , जीव विज्ञान कहलाता है।  जीव विज्ञान के अध्ययन की उपयोगिता विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है। कक्षा 12वीं में जीव विज्ञान विषय चुनने के बाद छात्रों के लिए करियर का दायरा भी आकर्षक है। ये चिकित्सक , वैज्ञानिक , नर्स, अध्यापक तक ही सीमित न होकर बहुत ज्यादा विस्तृत है।  अगर आपने ने जीव विज्ञान की पढ़ाई की है तो आपके पास कई विकल्प हैं जैसे कि - बायोलॉजी कंटेंट डेवेलपर , जैविक शोधकर्ता , संरक्षणवादी , पर्यावरण सलाहकार , विज्ञान सलाहकार , पादप शोधकर्ता , पादप जीवरसायनविज्ञानी , नर्सरी प्रबंधक , प्राकृतिक संसाधन प्रबंधक , कवक विज्ञानी , संग्रहालय शिक्षक , आणविक जीवविज्ञानी , प्रयोगशाला तकनीशियन , बागवानी विशेषज्ञ , आनुवंशिक विज्ञानी , कृषक सलाहकार आदि।   इन सब क्षेत्रों के अलावा भी कई क्षेत्रों में जीव विज्ञान का प्रयोग होता है जिनमें आप अपना भविष्य बना सकते हैं , निम्नलिखित हैं-  1. खाद्य उद्योग (Food Industries)- भोजन में उपस्थित ...

परमाणु की संरचना (Structure of Atoms)

परमाणु के विषय में हमने विशेषकर बातें पहले के ब्लॉग में भी बताई है। सारांश में - किसी तत्व का वह सूक्ष्म कण, जिससे अणु बनता है तथा जो रासायनिक अभिक्रिया में बिना अपघटित हुए भाग लेता है ,'परमाणु ' कहलाता है।  परमाणु भार (Atomic weight):-  किसी तत्व का परमाणु भार वह संख्या है जो यह प्रदर्शित करता है कि तत्व का एक परमाणु कार्बन-12 के परमाणु के 1/12 भाग द्रव्यमान अथवा हाइड्रोजन के 1.008 भाग द्रव्यमान से कितना गुना भारी है।  परमाणु क्रमांक (Atomic Number) :- किसी तत्व के परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की कुल संख्या को परमाणु क्रमांक कहते हैं।   द्रव्यमान संख्या (Mass Number) :- किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटानों और न्यूट्रानों की संख्या का योग उस तत्त्व का द्रव्यमान संख्या कहलाता है।  परमाणु के नाभिक की खोज (Discovery of the Nucleus of the Atom) :- अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने 1911 में परमाणु के नाभिक की खोज की। रदरफोर्ड के निर्देशन में कार्य कर रहे वैज्ञानिकों ने सोना, चाँदी धातुओं की पतली चादर (लगभग 4*10-5) पर अल्फा कणों की बमबा...

दैनिक जीवन में गणित शिक्षण का महत्व एवं उद्देश्य

"उद्देश्य के साथ कार्य करने का अभिप्राय है बुद्धिमत्ता के साथ कार्य अथवा अर्थपूर्ण ढंग से कार्य करना न कि एक स्वचालित यन्त्र की तरह।"                                                                                                                                        - जॉन डीवी  शिक्षा द्वारा ही एक संपन्न समाज की आधारशिला रखी जा सकती है। जिस समाज में शिक्षा व्यवस्था जैसी होगी, उसी प्रकार के समाज का निर्माण होगा। हमें अगर एक सभ्य समाज का निर्माण करना है तो हमें शिक्षा के उद्देश्यों का निर्धारण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।  उद्देश्य ऐसे हों जिन्हें व्यवहारिक रूप से प्राप्त किया जा सके और जो व्यक्ति ,समाज और देश की आवश्यकताओं को पूर्ण कर सकें।...

भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संस्थान (ISRO)

''कुछ लोग विकासशील देश में हो रहे अंतरिक्ष क्रियाकलापों पर प्रश्न उठाते हैं। हम आर्थिक रुप से अग्रणी देशों द्वारा चन्द्रमा या अन्य ग्रहों पर किये जा रहे अन्वेषण या प्रक्षेपित मानवयुक्त अन्तरिक्ष उड़ान से प्रतिस्पर्धा करने का स्वप्न नही देख रहे।परन्तु हमे विश्वास है कि यदि हमें राष्ट्रीय स्तर तथा अन्य राष्ट्रों के बीच अर्थपूर्ण भूमिका निभानी है,तो हमें मानव और सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिये उन्नत तकनीकों के प्रयोग में किसी से कम नहीं होना होगा।"                                                                        - विक्रम साराभाई  आजादी के बाद पण्डित जवाहर लाल नेहरु के नेतृत्व में भारत ने आधुनिक लोकतंत्र की स्थापना के लिये कदम बढ़ाने शुरु कर दिये। उस समय भारत औद्योगिक और वैज्ञानिक क्षेत्र में विकास के लिए प्रयत्नशील था । रुस के स्पूत्निक -1 के प्रक्षेपण के बाद विक्रम साराभाई अंतरिक्ष कार...