विज्ञान की वह शाखा जिसमें हम जीवों के उद्भव , संरचनाओं , कार्यों , पहचान , वितरण एवं वर्गीकरण आदि का अध्ययन करते हैं , जीव विज्ञान कहलाता है।
जीव विज्ञान के अध्ययन की उपयोगिता विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है। कक्षा 12वीं में जीव विज्ञान विषय चुनने के बाद छात्रों के लिए करियर का दायरा भी आकर्षक है। ये चिकित्सक , वैज्ञानिक , नर्स, अध्यापक तक ही सीमित न होकर बहुत ज्यादा विस्तृत है।
अगर आपने ने जीव विज्ञान की पढ़ाई की है तो आपके पास कई विकल्प हैं जैसे कि - बायोलॉजी कंटेंट डेवेलपर , जैविक शोधकर्ता , संरक्षणवादी , पर्यावरण सलाहकार , विज्ञान सलाहकार , पादप शोधकर्ता , पादप जीवरसायनविज्ञानी , नर्सरी प्रबंधक , प्राकृतिक संसाधन प्रबंधक , कवक विज्ञानी , संग्रहालय शिक्षक , आणविक जीवविज्ञानी , प्रयोगशाला तकनीशियन , बागवानी विशेषज्ञ , आनुवंशिक विज्ञानी , कृषक सलाहकार आदि।
इन सब क्षेत्रों के अलावा भी कई क्षेत्रों में जीव विज्ञान का प्रयोग होता है जिनमें आप अपना भविष्य बना सकते हैं , निम्नलिखित हैं-
1. खाद्य उद्योग (Food Industries)- भोजन में उपस्थित पोषक तत्व हमारे शरीर के विकास में अत्यंत उपयोगी हैं। जीव वैज्ञानिक खाद्य सुरक्षा एवं खाद्य विकास सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। जीव वैज्ञानिक उन समस्याओं को हल करते हैं जिससे बढ़ती हुई जनसंख्या को भोजन संकट का सामना न करना पड़े। जैसे कि -
जैव रसायन वैज्ञानिक और आनुवंशिकी वैज्ञानिक फसलों को विभिन्न कठिन परिस्थितियों में ख़राब न होने देने और फसलों को उगाने के नए नए तरीकों की खोज में जुटे हैं।
खाद्य वैज्ञानिक फलों व सब्जियों को ख़राब होने से बचाने के ,उनका भण्डारण करने के, स्थानांतरण करने के विभिन्न उपाय खोज रहे हैं।
2. राष्ट्रीय उद्यानों में (National Parks)- जीव वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय उद्यानों में पारिस्थितकी तंत्र एवं पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए नियुक्त किया जाता है। जैविक विज्ञान तकनीशियन को वन्यजीवों के स्वास्थ्य की देख रेख करने , बहाली एवं प्रबंधन के लिए , विलुप्त होने वाली प्रजातियों के संरक्षण आदि कार्यों के लिए रखा जाता है।
3. दवा उद्योग (Pharmaceutical Industries)- बहुत समय पहले से ही जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग दवा बनाने के लिए किया जा रहा है।इसकी सहायता से नई दवाओं की खोज में भी सहायता मिलती है। नई किण्वन तकनीकों का उपयोग करके एंटीबायोटिक्स बनाई जा रही हैं जिससे इस उद्योग में तेजी से विकास हो रहा है।
4. वनस्पति उद्यानों में (In Botanical Gardens)- इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के पौधों का संकलन होने की वजह से तथा वनस्पति सम्बन्धी सभी समस्याओं पर अन्वेषण कार्य करने के लिए वनस्पति वैज्ञानिक नियुक्त किये जाते हैं। यह एक साधारण उद्यान नहीं है ,परन्तु यहाँ वनस्पति के अधिक से अधिक लाभ उठा सकने के उद्देश्य से यहाँ अनुसन्धान केंद्र भी होता है। इस प्रकार यह एक शैक्षणिक संस्था के रूप में भी कार्य करती है।
5. विद्यालय तथा महाविद्यालयों में (In Colleges and Universities)- अगर आपको अध्यापन क्षेत्र में जाना है तो आपके पास कॉलेज स्तर पर जीव विज्ञान और एक मास्टर डिग्री या डॉक्टरेट होना चाहिए। उन्हें अगर एक विषय जैसे- सूक्ष्म जीव विज्ञान ,रसायन विज्ञान ,प्राणी विज्ञान आदि में विशेषज्ञता प्राप्त हो तो और भी अच्छा है। यह समझना भी अति आवश्यक है की ऊपर वर्णित परिदृश्य हमेशा सटीक नहीं होता है।
6. अस्पतालों में (In Hospitals)- कक्षा 12वीं में जीव विज्ञान विषय से पढ़ने वाले छात्र कई मेडिकल कॉलेजेस की प्रवेश परीक्षा दे सकते हैं जहाँ से वह MBBS , MS आदि करने के बाद वे अलग अलग अस्पतालों में इंटर्नशिप करते हैं और डॉक्टर की उपाधि पाते हैं। डॉक्टर के अलावा नर्सिंग के क्षेत्र में भी जीव विज्ञान की अत्यंत उपयोगिता है तथा दवाओं आदि को उपलब्ध करने वाले भी अगर जीव विज्ञान से हों तो बहुत अच्छी बात है।
7. चिकित्सीय विज्ञान (Medical Science) - जीव विज्ञान पढ़ने वाले बच्चे ये जान सकते हैं कि कोशिकाएँ स्वस्थ एवं अस्वस्थ अवस्था में कैसे काम करती हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में इससे नयी वैक्सीन, प्रभावी दवाईयाँ बनाने, पौधों की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद मिलती है। जीव विज्ञान की सहायता से बीमारियों का पता उनकी फैलाव का क्षेत्र और उनका रोकथाम कैसे किया जाये, इन बातों का पता चलता है।
8. उर्वरक एवं रासायनिक पौधे (Fertilizer & Chemical Plants) - कुछ बच्चों को कृषि में अत्यधिक रूचि होती है। अगर उन्हें इस क्षेत्र में करियर बनाना है तो उन्हें पेड़ पौधों के बारे में, उनके लाभ का ज्ञान होना ही चाहिए। उर्वरक एक रासायनिक पदार्थ होते हैं जिन्हें फसलों की उत्पादकता बढ़ाने में प्रयोग में लाया जाता है। उर्वरक जमीन की गुणवत्ता बढ़ाने में भी मदद करते हैं। जीव विज्ञान की मदद से हमें पता चलता है कि उर्वरक का जंतुओं पर क्या प्रभाव पड़ता है तथा कितनी मात्रा इनका उपयोग किसानों को मदद करते हैं।
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