जैव विविधता( Bioidiversity)
हमारे चारों तरफ बहुरूपी जीवों का अद्भुत संसार दिखाई देता है। विविध रूप रंग की बहुरंगी जीव जातियां जिनमें वनस्पति एवं प्राणी सभी सम्मिलित हैं । आसानी से हम उन्हें देखकर उनके बीच में अंतर कर सकते हैं सभी जीवो का अपना एक रूप रंग आकार एवं आकृति होती है जिससे उन्हें हम आसानी से अलग-अलग पहचान सकते हैं जीवो के इसी रूप रंग आकृति और आकार में अंतर उनके अंदर एवं बाहर का दृश्य मान रूप सहजता से उनमें फर्क कर देता है। जीव जगत में यही अंतर जैव विविधता कहलाता है
सारे ब्रह्मांड में अर्थात जल थल एवं नभ मे वास करने वाले सभी जीवों में सामान्यतया कोई न कोई अंतर अवश्य पाया जाता है समूह में तो वह एक प्रकार के दिखाई देते हैं परंतु उन समूह में भी उनको हम देखकर सहज ही अंतर कर सकते हैं । जैव विकास में हम जीवन के विभिन्न स्वरूपों का अध्ययन करते हैं विभिन्न माध्यमों में दृष्टिगोचर जीव समूह स्पष्ट रूप से एक दूसरे से अलग दिखाई देते हैं आसानी से हम उन्हें अंतर कर सकते है
पूरे ब्रह्मांड में 2 मिलियन से अधिक जीव जातियां पाई जाती हैं लगभग 10 मिलियन से लेकर 30 मिलियन तक जीव जातियों की खोज शेष है ज्ञात सभी जीवों के अलग-अलग नाम उपलब्ध हैं।
विदित है कि वैश्विक स्तर पर बहुत सारी विविधताएं पाई जाती हैं अलग-अलग स्थान पर अलग-अलग जलवायु तथा भौगोलिक स्थिति जीव जातियों के विकास को प्रभावित एवं परिवर्तित करती रहती हैं क्योंकि उपस्थित जातियों पर जलवायु एवं भौगोलिक स्थितियों का सीधा प्रभाव होता है वह उनके उन्नयन एवं पतन दोनों का कारण होती हैं।
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