गणित की शिक्षा का आरम्भ करने के लिए सबसे आवश्यक है कि बालक को संख्याओं का ज्ञान हो। इससे गणित की समस्याओं को हल करने में सुविधा होती है और परिणामों में शुद्धता होती है।
1. संख्या (Number) - " कितनी वस्तुऍं हैं " का जिससे बोध होता है, उसे संख्या कहते हैं।
2. संख्यांक - संख्याओं को जिन संकेतों द्वारा व्यक्त करते हैं, उसे संख्यांक कहते हैं। संख्यांक का अर्थ है संख्या को लिखने में प्रयुक्त अंक।
निम्नांकित सारणी में एक से नौ की संख्याओं को संकेतों द्वारा विभिन्न लिपियों में प्रदर्शित किया गया है।
देवनागरी 0 १ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९
रोमन I II III IV V VI VII VIII IX
अंतर्राष्ट्रीय 0 1 2 3 4 5 6 7 8 9
स्थानीय मान (Place Value) :- किसी संख्या में प्रत्येक स्थान के संगत अंक का मान अलग अलग होता है , इसे अंक का स्थानीय मान कहते हैं।
5 6 7 8
हजार सैकड़ा दहाई इकाई
8 का स्थानीय मान = 8 इकाई = 8 X 1 =8
7 का स्थानीय मान = 7 दहाई = 7 X 10 =70
6 का स्थानीय मान = 6 सैकड़ा = 6 X 100 = 600
5 का स्थानीय मान = 5 हज़ार = 5 X 1000 = 5000
संख्याओं का प्रकार (Types Of Numbers) :-
1. प्राकृतिक संख्याएँ (Natural Number) :- गिनने के लिए प्रयुक्त होने वाली संख्याएँ 1, 2, 3, 4, .........गणन संख्याएँ अथवा प्राकृतिक संख्याएँ कहलाती हैं। इसके समुच्चय को N से प्रदर्शित करते है।
N = { 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, ...........}
प्राकृतिक संख्याओं के बारे में महत्वपूर्ण बातें -
1. किसी संख्या में 1 जोड़ने पर प्राप्त संख्या, पूर्व संख्या की परवर्ती संख्या या अनुवर्ती संख्या कहलाती है।
2. किसी संख्या में से 1 घटाने पर प्राप्त संख्या, पूर्व संख्या की पूर्ववर्ती संख्या कहलाती है।
3. 1 सबसे छोटी प्राकृतिक संख्या है।
4. किसी भी संख्या के दायीं ओर उसकी परवर्ती संख्या तथा बायीं ओर पूर्ववर्ती संख्या होती है।
5. कोई भी प्राकृतिक संख्या सबसे बड़ी नहीं होती है ,क्योंकि उससे आगे की संख्या उससे बड़ी भी होती है और प्राकृतिक संख्या भी।
पूर्ण संख्याएँ (Whole Number) :- शून्य सहित सभी प्राकृतिक संख्याएँ पूर्ण संख्याएँ कहलाती हैं। इसके समुच्चय को W से व्यक्त करते हैं।
W = {0, 1, 2, 3, 4, 5, 6,................}
पूर्णांक संख्याएँ (Integers) :- सभी पूर्ण संख्याएँ तथा ऋणात्मक संख्याएँ, पूर्णांक कहलाती हैं।
I = {.........-3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, 4,.........}
धन पूर्णांक (Positive Integers) :- सभी प्राकृतिक संख्याएँ धन पूर्णांक कहलाती हैं।
I+ = {1, 2, 3, 4, 5, ...........}
ऋणपूर्णांक (Negative Number) :-सभी ऋणात्मक संख्याएं ऋण पूर्णांक कहलाती हैं।
I- = {-1, -2, -3, -4, ...........}
शून्य न तो धन पूर्णांक है और न ही ऋण पूर्णांक।
परिमेय संख्याएँ (Rational Number) :- वे सभी संख्याएँ जिन्हें p/q, (जहाँ q 0 के बराबर नहीं होता है।) के रूप में व्यक्त किया जा सके, परिमेय संख्याएँ कहलाती हैं।
Q = {p/q : p तथा q पूर्णांक है और q 0 के बराबर नहीं होता है। }
जैसे - 5, -2, 7/5, 0 इत्यादि परिमेय संख्याएँ हैं।
अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Number) :- वे सभी संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सके, अपरिमेय संख्याएँ कहलाती हैं।
जैसे - √2, √3, √8, √15 इत्यादि अपरिमेय संख्याएँ हैं।
वास्तविक संख्याएँ (Real Number) :- वे सभी संख्याएँ जो या तो परिमेय हों या अपरिमेय हों, वास्तविक संख्याएँ कहलाती हैं।
1. परिमेय तथा संख्याओं का योग तथा अंतर अपरिमेय होता है।
2. परिमेय तथा अपरिमेय संख्याओं का गुणनफल अपरिमेय संख्या होता है।
सम संख्याएँ (Even Number) :- वे सभी संख्याएँ जो 2 से पूर्णतय: विभाजित होती है ,सम संख्याएँ कहलाती हैं।
उदाहरण :- 2, 4, 6, 8, 10,.....सम संख्याएँ हैं।
विषम संख्याएँ (Odd Numbers) :- वे सभी संख्याएँ जो 2 से पूर्णतय: विभाजित नहीं होती है , विषम संख्याएँ कहलाती हैं।
उदाहरण :- 1, 3, 5, 7, 9,........विषम संख्याएँ हैं।
अभाज्य संख्याएँ (Prime Number) :- वे सभी संख्याएँ जो 1 तथा स्वयं के अतिरिक्त किसी अन्य संख्या से पूर्णतः विभाजित न हो, अभाज्य संख्याएँ कहलाती हैं।
उदाहरण :- 2, 3, 4, 5, 7, 11.... सभी अभाज्य संख्याएँ हैं।
1. 2 एकमात्र सम अभाज्य संख्या है।
2. 1 न तो अभाज्य संख्या है न ही भाज्य।
3. 1 से 100 तक केवल 25 अभाज्य संख्याएँ हैं।
भाज्य संख्याएँ (Composite Number) :- वे सभी संख्याएँ जो 1 व स्वयं के अतिरिक्त कम -से -कम एक अन्य संख्या से पूर्णतयः विभाजित हो सकें, भाज्य संख्याएँ कहलाती हैं।
उदाहरण :- 4, 6, 8, 9, 12, 15 आदि।
गणित की समस्याओं को हल करते समय संख्या के प्रकार का बोध छात्र को होना चाहिए।
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