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विज्ञान क्या है? What is Science?

विज्ञान क्या है ?what is Science? परिभाषा :   विज्ञान सुसंगत एवं क्रमबद्ध ज्ञान है जिसके अंतर्गत ब्रह्माण्ड (Universe) में स्थित सजीव (Living) एवं निर्जीव (Non-Living) घटकों (Component) में होने वाली घटनाओं व परिघटनाओं का  अध्ययन प्रयोगों (Practicals) एवं अवलोकनों (Observations) के द्वारा करते हैं। गणित में "प्रयोग" नहीं हैं, इस कारण गणित का अध्ययन कला के विषयों के साथ भी करते हैं। परन्तु गणित के बिना विज्ञान बिल्कुल अधूरा है, क्योंकि समस्त गणनाएँ (Counting) गणित की सहायता से की जाती है।   साइंस शब्द की उत्पत्ति (Origin of word Science) : साइंस  (Science) एक लैटिन शब्द Scientia से उत्पन्न है जिसका अर्थ है जानना (To know) । विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Science):  मुख्य रूप से विज्ञान को दो भागों में विभक्त किया गया है- भौतिक विज्ञान (Physical Science ) एवं जीवन विज्ञान (Life Science)। भौतिक विज्ञान में भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), भूगर्भ विज्ञान (Geology), खगोल विज्ञान (Astronomy), अन्तरिक्ष विज्ञान (Space Science), कम्प्यूटर विज्ञान (Compu...

संख्याओं का बोध

  गणित की शिक्षा का आरम्भ करने के लिए सबसे आवश्यक है कि बालक को   संख्याओं का ज्ञान हो। इससे गणित की समस्याओं को हल करने में सुविधा  होती है और परिणामों में शुद्धता होती है।  1. संख्या (Number) - " कितनी वस्तुऍं हैं " का जिससे बोध होता है, उसे संख्या कहते हैं।  2. संख्यांक - संख्याओं को जिन संकेतों द्वारा व्यक्त करते हैं, उसे संख्यांक कहते हैं। संख्यांक का अर्थ है संख्या को लिखने में प्रयुक्त अंक।  निम्नांकित सारणी में एक से नौ की संख्याओं को संकेतों द्वारा विभिन्न लिपियों में प्रदर्शित किया गया है।  देवनागरी           0    १     २     ३     ४     ५     ६     ७       ८      ९   रोमन                       I     II   III    IV    V    VI   VI...

अति चालकता (Superconductivity)

अति चालकता किसी पदार्थ का वह गुण है जिसके अंतर्गत किसी विशेष परिस्थिति में उस पदार्थ का विद्युत प्रतिरोध शून्य हो जाता है। अतः इस अवस्था में यदि उसमे विद्युत धारा प्रवाहित की जाए, तो उसमें ऊर्जा बिना क्षय के निरंतर प्रवाहित होती रहेगी। ऐसे पदार्थों को अतिचालक पदार्थ कहते हैं।  अति चालकता की खोज सर्वप्रथम नीदरलैंड के भौतिकशास्त्री 'हाइके केमर लिंघ ओनोस' द्वारा 1911 में की गयी थी। उन्होंने अपने एक प्रयोग के दौरान अति निम्न ताप पर पारे (Hg) में इस स्थिति को प्राप्त किया तथा इसे अति चालकता का नाम दिया।  Also Read:  Structure of Atoms अति चालकता दो प्रकार की होती है- 1. निम्नतापीय अतिचालकता (Low Temperature Superconductivity)- यह अति चालकता 40 केल्विन से नीचे के तापक्रम पर कार्य करती है।  2. उच्चतापीय अतिचालकता (High  Temperature Superconductivity)- यह अतिचालकता 40 केल्विन से अधिक तापमान पर कार्य करती है।  निम्नतापीय अतिचालकता की खोज 1911 में 'केमर लिंघ ओनोस' द्वारा की गयी जिसमें Hg, H, Pb आदि कार्यरत हैं। उच्चतापीय अतिचालकता की खोज 1986 में जॉर्ज बेडनर्ज...