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विज्ञान क्या है? What is Science?

विज्ञान क्या है ?what is Science? परिभाषा :   विज्ञान सुसंगत एवं क्रमबद्ध ज्ञान है जिसके अंतर्गत ब्रह्माण्ड (Universe) में स्थित सजीव (Living) एवं निर्जीव (Non-Living) घटकों (Component) में होने वाली घटनाओं व परिघटनाओं का  अध्ययन प्रयोगों (Practicals) एवं अवलोकनों (Observations) के द्वारा करते हैं। गणित में "प्रयोग" नहीं हैं, इस कारण गणित का अध्ययन कला के विषयों के साथ भी करते हैं। परन्तु गणित के बिना विज्ञान बिल्कुल अधूरा है, क्योंकि समस्त गणनाएँ (Counting) गणित की सहायता से की जाती है।   साइंस शब्द की उत्पत्ति (Origin of word Science) : साइंस  (Science) एक लैटिन शब्द Scientia से उत्पन्न है जिसका अर्थ है जानना (To know) । विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Science):  मुख्य रूप से विज्ञान को दो भागों में विभक्त किया गया है- भौतिक विज्ञान (Physical Science ) एवं जीवन विज्ञान (Life Science)। भौतिक विज्ञान में भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), भूगर्भ विज्ञान (Geology), खगोल विज्ञान (Astronomy), अन्तरिक्ष विज्ञान (Space Science), कम्प्यूटर विज्ञान (Compu...

परमाणु क्या है ? What is an atom ?






 परमाणु क्या है ? what is an Atom  ?


सजीवों की कोशिकाओं  तथा ठोस, द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में पाए जाने वाले ये सूक्ष्मतम कण हैं।  उनकी संरचना के मूल में इकाई के रूप में  परमाणुओं की व्यापक भूमिका होती है । ब्रह्माण्ड के सभी  पदार्थ तत्वों द्वारा  निर्मित होते  हैं और तत्व (Element ) की सबसे सूक्ष्मतम इकाई को  परमाणु  कहते है। इसका आमाप  लगभग 100 पिकोमीटर  आँका   गया  है। परमाणु किसी तत्व का व्यक्तिगत रासायनिक  गुण  प्रदर्शित करता है।     



सजीवों में पायी जाने वाली कोशिका के अंदर जितने भी लघु एवं दीर्घ जैव अणु हैं वह परमाणुओं से ही बने  होते हैं। निर्जीव घटकों की संरचना भी परमाणु से ही निर्मित होती है। 




परमाणु की परिभाषा (Definition of Atom )-


'किसी तत्त्व ( Element ) का वह छोटा से छोटा अविभाज्य  कण जिसके अंदर रासायनिक गुण  उपस्थित होते हैं और वह आयन एवं अणु अवस्था के अतिरिक्त स्वतंत्र नहीं  रह सकता तथा वह किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में बिना अपघटित हुए भाग ले सकता है।'


परमाणु की खोज (Discovery of Atom)-  


महान  दार्शनिक  डेमोक्राइटस (460-370 ई पू ) जिनका जन्म यूनान के दार्शनिक अरस्तू से पहले एब्डेरा में हुआ था। उन्हें ब्रह्माण्ड के परमाणु सिद्धान्त के प्रणेता के रूप मे आज भी याद किया जाता है। सर्वप्रथम परमाणु (Atom)  की परिकल्पना उन्होंने ही की थी जिसका यूनानी मे अर्थ होता है अविभाज्य (Indivisible)।

एक दृष्टांत देते हुए डेमोक्राइटस ने समझाया कि एक सेब को काटते जाएँ तो अंत में एक ऐसा टुकड़ा बचेगा जो अविभाज्य होगा उसकी तुलना उन्होनें परमाणु से की ।


डाल्टन, डेमोक्राइटस के इसी सिद्धान्त पर अग्रसर हुए तथा इनके सिद्धान्त को अपने अनुसंधान का आधार बनाया तथा परमाणु के सिद्धान्त को परिमार्जित किया |


डाल्टन ने गैसों में लगातार गतिशील कणों  में परमाणु के अस्तित्व के विषय मे समझाया एवं यह भी बताया कि अणुओं में समान गुण वाले तत्व समान अनुपात में पाये जाते हैं।


अलग अलग अणुओं में अलग तत्वों की उपस्थिति के कारण वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि कोई भी तत्व एक सूक्ष्म कण से बना होता है जिसको उन्होनें परमाणु कहा ।


इलेक्ट्रॉन की खोज (Discovery of Electrons)-

इसी आधार पर उन्होने एक मॉडल दिया जिसे डाल्टन का परमाणु मॉडल कहा जाता है। इसके पश्चात सन 1897 में परमाणु के विषय में जानकारी को आगे बढ़ाते हुए इलेक्ट्रॉन की खोज की जिसको उन्होने उप परमाणविक कण (Sub atomic particle) कहा ।

इलेक्ट्रॉन ऋण आवेशित होते हैं तथा नाभिक के बाहर स्थित त्रिविम कक्षों में घूमते रहते हैं। 


नाभिक / प्रोटॉन की खोज (Discovery of Nucleus/Proton )-


न्यूजीलैण्ड के भौतिकशास्त्री अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने परमाणुओं के अन्दर केंद्रक की खोज की इनको केंद्रक के अन्दर धन आवेशित प्रोटॉन की खोज का श्रेय प्राप्त है।


न्यूट्रॉन की खोज (Discovery of Neutrons)-


सन 1932 में जेम्स चैडविक ने नाभिक के क्रोड में एक विद्युत् अनावेशित कण जिस पर परमाणु का द्रव्यमान निर्भर करता है, उसे न्यूट्रॉन नाम दिया। 


नाभिक का द्रव्यमान उस परमाणु के कुल द्रव्यमान का 99.94 % होता है।


किसी परमाणु के अन्दर भारी केंद्रक पाया जाता है जिसके अन्दर विद्युत धन आवेशित एवं उदासीन न्यूट्रॉन पाये जाते हैं।


परमाणु एवं अणु (Atom and Molecule)- 

परमाणु ब्रह्माण्ड की सबसे छोटी इकाई है जो अणुओं का निर्माण करती है।परमाणु छोटा तथा अणु बड़ा होता है। Fe ,Al ,C,O आदि ये तत्व के प्रतीक हैं। इनमे प्रत्येक में  समान प्रकार के परमाणु पाये जाते हैं। अणुओं में दो या दो से अधिक परमाणु आपस में जुड़ जाते हैं । 

नाभिक के चारों ओर ऋणावेशित इलेक्ट्रान उपस्थित होते हैं जबकि नाभिक के अन्दर पाया जाने वाला प्रोटान धनावेशित होता है। इस कारण इनमें आपस में electromagnetic force कार्य करता है । सामान्यतया नाभिक के अन्दर जितने प्रोटॉन पाये जाते हैं उतने ही नाभिक के बाहर कक्षों में इलेक्ट्रान पाये जाते हैं। धनावेश एवं ऋणावेश बराबर होने के कारण परमाणु विद्युत उदासीन होता है । 


न्यूट्रॉन  पर कोई आवेश नही पाया जाता है । परन्तु प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन के बीच में न्यूक्लियर फोर्स पाया जाता है । जो इनके बीच मे सामन्जस्य बनाये रखते हैं। हाइड्रोजन में न्यूट्रॉन नहीं पाये जाते हैं। 

इलेक्ट्रॉन की संख्या प्रोटॉन के अनुपात में घटने एवं बढ़ने  के कारण परमाणु आयन कहलाते हैं ।



परमाणु संख्या (Atomic Number)- 

आम तौर पर परमाणुओं के अन्दर पाये जाने वाले प्रोटॉन की संख्या को परमाणु संख्या का आधार माना जाता है पर इलेक्ट्रॉन की संख्या पर भी परमाणु संख्या का निर्धारण किया जाता है क्योंकि किसी परमाणु में इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन बराबर होते हैं।  








परमाणु के अंदर निम्न घटक पाये जाते हैं -

1 .इलेक्ट्रॉन  ( Electron ) 

2 .प्रोटॉन  ( Proton ) 

3 .न्यूट्रॉन  ( Neutron ) 

4 .क़्वार्क्स    (Quark)

5 .ग्लूआन्स  ( Gluons )



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                                                                                                 सादर



 

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