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सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Scientificgyanvarsha

विज्ञान क्या है? What is Science?

विज्ञान क्या है ?what is Science? परिभाषा :   विज्ञान सुसंगत एवं क्रमबद्ध ज्ञान है जिसके अंतर्गत ब्रह्माण्ड (Universe) में स्थित सजीव (Living) एवं निर्जीव (Non-Living) घटकों (Component) में होने वाली घटनाओं व परिघटनाओं का  अध्ययन प्रयोगों (Practicals) एवं अवलोकनों (Observations) के द्वारा करते हैं। गणित में "प्रयोग" नहीं हैं, इस कारण गणित का अध्ययन कला के विषयों के साथ भी करते हैं। परन्तु गणित के बिना विज्ञान बिल्कुल अधूरा है, क्योंकि समस्त गणनाएँ (Counting) गणित की सहायता से की जाती है।   साइंस शब्द की उत्पत्ति (Origin of word Science) : साइंस  (Science) एक लैटिन शब्द Scientia से उत्पन्न है जिसका अर्थ है जानना (To know) । विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Science):  मुख्य रूप से विज्ञान को दो भागों में विभक्त किया गया है- भौतिक विज्ञान (Physical Science ) एवं जीवन विज्ञान (Life Science)। भौतिक विज्ञान में भौतिकी (Physics), रसायन विज्ञान (Chemistry), भूगर्भ विज्ञान (Geology), खगोल विज्ञान (Astronomy), अन्तरिक्ष विज्ञान (Space Science), कम्प्यूटर विज्ञान (Compu...

विदेश मे अध्ययन Study Abroad

प्रत्येक विद्यार्थी की अभिलाषा होती है कि वह विदेश में रहकर शिक्षा ग्रहण करे परन्तु अन्योन्य कारणो से बच्चों का यह स्वप्न अधूरा रह जाता है । हर माता पिता की भी यही कामना होती है कि उसका पाल्य अच्छी से अच्छी शिक्षा ग्रहण करे पर ऐसा कहाँ सम्भव हो पाता है । परन्तु इनमें से कई मेधावी छात्रों को सही  मार्गदर्शन के कारण यह सपना पूरा हो जाता है उसके लिये  जिजीविषा होना आवश्यक है। यदि मन में ठान लिया जाए तो असम्भव भी सम्भव हो जाता है।   विदेश में अध्ययन हेतु आवश्यक नहीं कि आपके पास बहुत पैसा हो मेधा भी महत्वपूर्ण है। छात्र यदि पढ़ने में अच्छे हैं। तो विश्व के कई विश्वविद्यालय ऐसे छात्रों को ऑफ़र प्रदान करते हैं साथ ही छात्रवृत्ति भी प्रदान करते हैं।  विदेश में अध्ययन करने के लिये छात्रों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश परीक्षा पास करनी पड़ती है । भारत के छात्रों को भी इन परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना अनिवार्य है । अध्ययन हेतु प्रमुख परीक्षाएँ- भारत में विदेश में अध्ययन हेतु संपन्न होने वाली परीक्षाएँ निम्नवत हैं- 1-Scholastic Aptitude Test (SAT) 2-MedicalCollege Admiss...

परमाणु क्या है ? What is an atom ?

  परमाणु क्या है ? what is an Atom  ? सजीवों की कोशिकाओं  तथा ठोस, द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में पाए जाने वाले ये सूक्ष्मतम कण हैं।   उनकी संरचना के मूल में इकाई के रूप में  परमाणुओं की व्यापक भूमिका  होती है । ब्रह्माण्ड के सभी  पदार्थ तत्वों द्वारा  निर्मित होते  हैं और  तत्व (Element ) की सबसे सूक्ष्मतम इकाई को  परमाणु  कहते है। इसका आमाप  लगभग 100 पिकोमीटर  आँका   गया  है। परमाणु किसी तत्व का व्यक्तिगत रासायनिक  गुण  प्रदर्शित करता है।        सजीवों में पायी जाने वाली कोशिका के अंदर जितने भी लघु एवं दीर्घ जैव अणु हैं वह परमाणुओं से ही बने  होते हैं। निर्जीव घटकों की संरचना भी परमाणु से ही निर्मित होती है।  परमाणु की परिभाषा (Definition of Atom )- 'किसी तत्त्व ( Element ) का वह छोटा से छोटा अविभाज्य  कण जिसके अंदर रासायनिक गुण  उपस्थित होते हैं और वह आयन एवं अणु अवस्था के अतिरिक्त स्वतंत्र नहीं  रह सकता तथा वह कि...

भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ और उनका योगदान (Famous Indian Mathematician and their Contribution)

गणित के क्षेत्र मे भारत के कई पुरोधाओं ने अपने कृतित्व से भारतीय गौरव को शीर्षस्थ किया है जिनकी लम्बी सूची है जिन्होने अपने ज्ञान से पूरे विश्व को आलोकित किया है जिनका योगदान अप्रतिम, प्रेरणास्पद, अविस्मरणीय है। आर्यभट्ट :- आर्यभट्ट (476 ई ० -550 ई ० )  प्राचीन भारत के महान ज्योतिषविद तथा गणितज्ञ थे।  इन्होंने आर्यभट्टीय नामक महत्वपूर्ण ज्योतिष ग्रन्थ लिखा जिसमें वर्गमूल, घनमूल, समान्तर श्रेणी तथा विभिन्न प्रकार के समीकरणों का वर्णन है। इसके गणितीय भाग में अंकगणित , बीजगणित, सरल त्रिकोणमिति और गोलीय त्रिकोणमिति, सरल भिन्न, द्विघात समीकरण, घात शृंखला के योग तथा ज्याओं की एक तालिका है।   एक प्राचीन श्लोक के अनुसार आर्यभट्ट गुप्त काल के समय नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति भी थे। आर्यभट्ट ने सबसे सही और सुनिश्चित पाई  (ℼ)  के मान का निरूपण किया था। आर्यभट्ट ने गणित के सूत्रों को श्लोकों के रूप में लिखा था। शून्य की खोज का श्रेय भी आर्यभट्ट को जाता है इनका मानना था की कोई नंबर जैसे 0 का भी अस्तित्व है।  खगोल विज्ञान के क्षेत्र में भी आर्यभट्ट का महत्वपूर्ण ...

न्यूट्रिनो क्या है? what is neutrino?

  न्यूट्रिनो क्या है ? What is Neutrino? न्यूट्रिनो फरमियान (Fermion) समूह के अन्तर्गत आने वाला एक मूल कण है जिसके अस्तित्व को  पहली बार सन 1930 में स्विस वैज्ञानिक वोल्फ गैंग पाउली द्वारा स्वीकार किया गया । इसके विद्युत उदासीन प्रवृत्ति के कारण इसे न्यूट्रिनो नाम दिया गया । फरमिआन समूह का होने की वजह से इनका चक्रण (spin) 1/2 होता है।  प्रारंभ में ऐ सा माना जाता था कि इनमें कोई द्रव्यमान नहीं होता है परन्तु अब यह स्वीकार कर लिया गया है कि इनमें सूक्ष्म मात्रा में द्रव्यमान उपस्थित है । न्यूट्रिनो का द्रव्यमान लगभग 0.120eV होता है।  न्यूट्रिनो फोटॉन  के बाद ब्रह्माण्ड में सर्वाधिक पाया जाने वाला दूसरा कण है । चक्रण के आधार पर 18 मूल कण हैं। इनमे से न्यूट्रिनो लेप्टॉन समूह के अंतर्गत आते हैं।  न्युट्रिनो 3 प्रकार के होते हैं - 1- इलेक्ट्रान न्यूट्रिनो  2- म्यूआन न्यूट्रिनो 3- टाऊ न्यूट्रिनो प्रत्येक न्यूट्रिनो का एक विपरीत  कण  पाया जाता है जिसे एंटी-न्यूट्रिनो कहते है। इन पर भी 0 आवेश पाया जाता है तथा इनका चक्रण भी 1/2 है। ये बीटा क्षय के दौरा...